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Nag Panchami 2025: नागों के दर्शन बिना अधूरी है नाग पंचमी की पूजा; जानें जीवित या मूर्ति, किसका करें पूजन?

Nag Panchami: साल 2025 में नाग पंचमी का पर्व 29 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान शिव और नाग देवता की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि नाग पंचमी पर नागों के दर्शन और पूजन से सभी दोष दूर होते हैं। आइए जानते हैं नाग पंचमी पर जीवित नाग या उनकी मूर्ति, किसका पूजन करना ज्यादा शुभ होता है।

Credit- Social Media
Nag Panchami 2025: सनातन धर्म में नागों को बेहद शुभ माना गया है, जिनका पूजन भी किया जाता है। खासकर नाग पंचमी के दिन जीवित नाग व नाग देवता की मूर्ति की पूजा की जाती है। दरअसल, भगवान शिव को नाग अति प्रिय हैं। इसलिए वो उन्हें गले में धारण करते हैं। इसके अलावा भगवान शिव को नागों का देवता भी माना जाता है। जो लोग नागों की पूजा करते हैं, उन्हें शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। हालांकि कुछ लोग जीवित नागों की जगह नाग-नागिन की मूर्ति की पूजा करते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि नाग पंचमी पर यदि जीवित नागों की पूजा न कर पाएं तो क्या नाग-नागिन की मूर्ति की पूजा कर सकते हैं? चलिए इसी कन्फ्यूजन को दूर करते हैं।

नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त

द्रिक पंचांग के अनुसार, हर साल श्रावण (सावन) माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है, जिस दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं। इस बार 28 जुलाई की देर रात 11:24 मिनट से लेकर 30 जुलाई की सुबह 12:46 मिनट तक पंचमी तिथि रहेगी। ऐसे में 29 जुलाई 2025, वार मंगलवार को नाग पंचमी का व्रत रखा जाएगा। इस दिन प्रात: काल 05:41 मिनट से लेकर सुबह 08:23 तक नागों की पूजा का शुभ मुहूर्त है।

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जीवित या मूर्ति, किसका करें पूजन?

धार्मिक मान्यता के अनुसार, नाग पंचमी के दिन जीवित नागों की पूजा करने का कोई विशेष विधान नहीं है। यदि इस दिन आपको नागों के दर्शन होते हैं, तो हाथ जोड़कर उन्हें प्रणाम करें और दूध पिलाएं। यदि ये संभव नहीं है तो निराश न हों। आप शिव मंदिर जाकर वहां मौजूद नाग देवता की मूर्ति या चित्र की पूजा भी कर सकते हैं।

नागों को कौन-कौन सी चीजें अर्पित करनी चाहिए?

नाग पंचमी के पावन दिन नाग देवता की पूजा करने के बाद उन्हें दूध, जल, फूल, चंदन, रोली, गुड़, दूर्वा, कुश, सिंदूर, बेलपत्र, अक्षत, धतूरा, फल, खीर, धूप, दीप, घी, शहद, गंगाजल, बेर, जौ की बालें, तुलसी दल, मालपुआ, आम्र मंजरी (आम के पेड़ में लगने वाले फूल या बौर) और लावा (धान के दानों को भूनकर बनाया जाता है) अर्पित करना शुभ होता है। ये भी पढ़ें- Nag Panchami 2025: नाग पंचमी पर किन 12 नाग देवता की पूजा करना है जरूरी? जानें डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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