Famous Lord Shiva Temples: हिन्दू धर्म में भगवान शिव एक ऐसे देवता हैं, जो भक्तों की थोड़ी पूजा-पाठ से भी शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। साथ ही वे ऐसे देव हैं, जिनका ध्यान कभी भी और कहीं भी कर सकते हैं, यहां तक कि श्मशान में भी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन के महीने में मंदिरों में जाकर इनकी पूजा और दर्शन से जीवन में सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति है। इस महीने में शिव मंदिर की तीर्थयात्रा करने और महादेव शंकर की उचित विधि-विधान से पूजा करने पर मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
आइए जानते हैं, भारत के 5 विशेष शिव मंदिरों के बारे जिनका माहात्म्य और महत्व शिव भक्तों में ही नहीं बल्कि सभी हिन्दू श्रद्धालुओं में बहुत अधिक है। कहते हैं, भगवान शिव के इन मंदिरों में भगवान शिव के दिव्य शिवलिंग के दर्शन से लाखों लोगों की मन्नतें पूरी हुई हैं।
केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple)
[caption id="attachment_765380" align="alignnone" ]हिमालय के गोद में स्थित केदारनाथ मंदिर[/caption]
उत्तराखण्ड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर देश के 12 ज्योतिर्लिंग और चार धाम में से एक है। कहते हैं, सावन में इस मंदिर की यात्रा और भगवान केदारनाथ के दर्शन करने से व्यक्ति-मात्र के जीवन से दुखों का नाश हो जाता है। कहते हैं, इस मंदिर का निर्माण पाण्डवों के पौत्र महाराजा जन्मेजय ने एक विशेष कत्यूरी शैली में करवाया था, जिसका आदिगुरु शंकराचार्य ने 8वीं सदी में जीर्णोद्धार करवाया था।
सोमनाथ मंदिर (Somnath Temple)
भारतवर्ष के पश्चिमी छोर पर गुजरात में वेरावल बन्दरगाह के पास स्थित सोमनाथ मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण खुद भगवान के परम भक्त चंद्रमा यानी चंद्रदेव किया था, जिसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। यह भी भारत के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है। मान्यता है कि सावन के पवित्र माह में इस मंदिर में शिवपूजा करने से अभीष्ट फल की प्राप्ति शीघ्र होती है। बता दें, इस मंदिर को विदेशी आक्रमणकारियों ने कई बार ध्वस्त किया और यह मंदिर बार-बार बनाई गई। कहते हैं, यहां शिव दर्शन से बिगड़ी किस्मत संवर जाती है।
काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath)
[caption id="" align="alignnone" ]काशी स्थित भगवान विश्वेश्वर शिव का जलाभिषेक करते मंदिर के मंदिर के पुजारी[/caption]
काशी विश्वनाथ मंदिर देश के प्राचीनतम शहर वाराणसी यानी काशी में स्थित हैं। कहते हैं, इस मंदिर में स्थापित भगवान शिव के शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही व्यक्तियों के सब रोग-शोक मिट जाते हैं। सावन के महीने में पूरा नगर कांवड़ यात्रियों के बोल बम के नारे से गुंजायमान रहता है। मान्यता है कि काशी भगवान शिव का नगर है, जो उनकी त्रिशूल की नोंक पर टिका हुआ है। इसे मोक्ष नगरी भी कहते हैं।
लिंगराज मंदिर (Lingaraja Temple)
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित लिंगराज मंदिर पूर्वी भारत में शैव संप्रदाय का महान केंद्र है। मान्यता है कि सावन के पुण्यदायी महीने में यहां स्थित बिन्दुसरोवर में स्नान कर भगवान शिव की पूजा करने से पिछले जन्म के पाप भी नष्ट हो जाते हैं और मनोकामनाएं शीघ्र पूरी होती हैं। यह देश का संभवतः एकमात्र ऐसा मंदिर है, देवाधिदेव भगवान भोलेनाथ की सनातन विधि से 24 घंटे पूजा-अर्चना की जाती है।
वैद्यनाथ धाम (Baidyanath Dham)
[caption id="" align="alignnone" ]सावन माह में वैद्यनाथ धाम, देवघर में कांवड़ यात्री और श्रद्धालुओं की भीड़[/caption]
वैद्यनाथ धाम झारखण्ड राज्य के देवघर नामक स्थान पर स्थित है। यह मंदिर भी देश के 12 प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है, जिसके शिवलिंग को लंका के राजा रावण द्वारा यहां रखा गया था। भगवान शिव यहां वैद्यनाथ यानी चिकित्सा और स्वास्थ्य के देवता के रूप में पूजे जाते हैं। सावन में महीने में यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां से लगभग 115 किलोमीटर दूर सुल्तानगंज से गंगाजल को कांवड़ में ढोकर लाते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। मान्यता है कि सावन के महीने में यहां सच्चे मन से की गई पूजा कभी निष्फल नहीं होती है और रुके हुए काम भी शीघ्र पूरे हो जाते हैं।
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