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मौत के बाद आत्मा कहां जाती है? जानें बौद्ध-जैन से लेकर ईसाई धर्म से जुड़ी मान्यताएं

Maut Ke Baad Aatma Kahan Jati Hai: मौत एक कटु सत्य है, जिसका सामना पृथ्वी पर मौजूद हर एक व्यक्ति को कभी न कभी करना ही है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मौत के बाद आत्मा का क्या होता है? हालांकि, इसे लेकर प्रत्येक धर्म की अपनी मान्यताएं हैं, जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.

Credit- AI Gemini

Maut Ke Baad Aatma Kahan Jati Hai: मृत्यु के बाद आत्मा का क्या होता है? मौत के बाद क्या आत्मा धरती पर भटकती रहती है? क्या हर व्यक्ति को स्वर्ग मिलता है? किन लोगों को नरक में जाना पड़ता है? और पुनर्जन्म कब मिलता है? ये तरह-तरह के सवाल अक्सर लोगों के मन में आते हैं. हालांकि, इन सभी सवालों का जवाब हर धर्म में अलग मिलता है.

प्रत्येक धर्म की अपनी मान्यता होती है, जिनसे लोगों की खास आस्था जुड़ी होती है. आज हम आपको हिंदू धर्म, ईसाई धर्म, जैन धर्म, सिख धर्म और बौद्ध धर्म में मौत से जुड़ी मान्यताओं के बारे में बताने जा रहे हैं,

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हिंदू धर्म

हिंदू धर्म में माना जाता है कि प्रत्येक व्यक्ति मौत और पुनर्जन्म यानी संसार के चक्र से गुजरता है. इस चक्र के दौरान व्यक्ति को इंसान के अलावा जीव, जंतु, पेड़-पौधों और जलचर आदि कुल 84 लाख योनियों से गुजरना पड़ता है. हालांकि, इस चक्र से केवल उन्हीं लोगों की आत्मा को मुक्ति मिलती है, जो अच्छे कर्म करते हैं.

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ईसाई धर्म

ईसाई धर्म के लोगों का मानना है कि मरने के बाद आत्मा स्वर्ग या नरक में जाती है. इसके अलावा मौत को नई जिंदगी का सुनहरा अवसर माना जाता है.

जैन धर्म

जैन धर्म को भारत के प्रमुख धर्मों में से एक माना जाता है, जिसके अनुयायियों की देशभर में कमी नहीं है. जैन धर्म के लोग मानते हैं कि व्यक्ति यदि अपने जीवनकाल में बुरे कर्म करता है तो मरने के बाद उसकी आत्मा धरती पर भटकती रहती है. इसके अलावा कुछ लोगों को नरक के दुखों का भी सामना करना पड़ता है. वहीं, जो लोग अच्छे कर्म करते हैं, उनकी आत्मा को मुक्ति मिलती है और भगवान के चरणों में स्थान प्राप्त होता है.

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सिख धर्म

सिख धर्म के लोग मानते हैं कि मौत के बाद आत्मा को व्यक्ति के कर्मों के अनुसार स्वर्ग या नरक में जगह मिलती है. जो लोग अच्छे कर्म करते हैं और साधना के उच्च स्तर को पा लेते हैं, उन्हें पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिल जाती है और देवताओं के चरणों में स्थान प्राप्त होता है.

बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जीवन और मृत्यु बिना रुकने वाली एक प्रक्रिया है. मौत होने के बाद आत्मा विभिन्न रूपों में जन्म लेती है. हालांकि, कुछ लोग मानते हैं कि व्यक्ति जब एक ऊंचे स्तर पर अच्छे कर्म करता है तो उसकी आत्मा को पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति मिलती है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.


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