TrendingMCD ElectionSanchar Saathiparliament winter session

---विज्ञापन---

Annapurna Jayanti 2025: कौन हैं भोजन की देवी मां अन्नपूर्णा? कैसे हुई उत्पत्ति जानें पौराणिक कथा

Annapurna Jayanti 2025: माता अन्नपूर्णा को भोजन की देवी के रूप में पूजा जाता है. अन्न की देवी मां अन्नपूर्णा की उत्पत्ति कैसे हुई इसके बारे में आप यहां पौराणिक कथा में जान सकते हैं.

Photo Credit- News24GFX

Annapurna Jayanti 2025: अन्नपूर्णा देवी को अनाज का भगवान माना जाता है. हर व्यक्ति मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद चाहता है. अन्नपूर्णा माता के नाम का अर्थ - अन्न यानी अनाज और पूर्णा यानी पूर्णता है. देवी अन्नपूर्णा की कृपा से जीवन में कभी भी अनाज की कमी नहीं होती है. मां अन्नपूर्णा को जीवनदायिनी शक्ति का भी प्रतीक माना जाता है. अनाज के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं.

मां अन्नपूर्णा की उत्पत्ति की कहानी

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार भगवान शिव ने माता पार्वती को पूरे संसार को माया बताया. उन्होंने कहा यह संसार माया है अन्न माया है. व्यक्ति के लिए शरीर और अन्न का कोई विशेष महत्व नहीं है. उस समय मां पार्वती क्रोधित हुई और उन्होंने पूरे संसार से अन्न को गायब कर दिया. इसके बाद पूरे संसार में अन्न का संकट आ गया. इसके बादा माता पार्वती ने वाराणसी के काशी में अन्नपूर्णा के रूप में अवतार लिया.

---विज्ञापन---

मां अन्नपूर्णा अपने एक हाथ में अक्षय पात्र यानी जिसमें कभी भोजन समाप्त न हो लेकर खड़ी थीं. तब भूख से व्याकुल भगवान शिव मां अन्नपूर्णा के पास पहुंचे और भोजन मांगा. भगवान शिव ने स्वीकार किया कि, अन्न का अस्तित्व है और बहुत अधिक महत्व है. मां अन्नपूर्णा ने सभी को अन्न का दान दिया और तभी से अन्नपूर्णा माता की पूजा शुरू हुई. मां अन्नपूर्णा को भोजन की देवी के रूप में पूजा जाता है.

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें – Astro Health Tips: बार-बार पड़े जाते हैं बीमार? इस परेशानी को दूर करेंगे खास ज्योतिषीय उपाय

अन्नपूर्णा जयंती 2025 (Annapurna Jayanti 2025)

मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा तिथि को अन्नपूर्णा जयंती का पर्व है. यह पर्व 4 दिसंबर 2025, दिन गुरुवार को है. अन्नपूर्णा जयंती का दिन मां अन्नपूर्णा की पूजा-अर्चना के लिए खास होता है. अन्नपूर्णा जयंती पर आपको इस विधि से पूजा कर माता को प्रसन्न करना चाहिए. देवी अन्नपूर्णा की कृपा से आपके अन्न के भंडार सदा के लिए भरे रहेंगे.

देवी अन्नपूर्णा पूजा विधि (Devi Annapurna Puja Vidhi)

मां अन्नपूर्णा की पूजा के लिए स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहनें. इसके बाद घर के मंदिर की सफाई कर चौकी लगाएं और मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा स्थापित करें. माता के समक्ष दीप और धूप जलाएं विधि-विधान से पूजा करें और आरती कर भोग लगाएं. अन्नपूर्णा जयंती पर घर की रसोई की साफ-सफाई कर चूल्हे पर स्वास्तिक का चिन्ह लगाएं.

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.


Topics:

---विज्ञापन---