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Mahashivratri 2025: कुंवारी कन्याएं व्रत रखने से पहले जानें ये 7 नियम, शिव-पार्वती की कृपा से मिलेगा मनचाहा वर!

Maha shivratri 2025: महाशिवरात्रि का व्रत शिव-पार्वती जी को समर्पित है। ये व्रत शादीशुदा लोगों से लेकर और अविवाहित लोग रखते हैं। चलिए जानते हैं अगर कुंवारी कन्याएं ये व्रत रखती हैं तो उन्हें किन 7 नियमों का पालन अवश्य करना चाहिए।

क्या कुंवारी कन्याएं भी रख सकती हैं व्रत?
Mahashivratri 2025: हिंदू धर्म में फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का खास महत्व है, क्योंकि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का मिलन हुआ था। इस दिन देशभर में भव्य शिव बारात निकाली जाती है और शिव मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस साल महाशिवरात्रि का व्रत आज यानी 26 फरवरी 2025 को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि का व्रत रखने से साधक को प्रेम, धन, सुख, शांति, सौभाग्य और खुशहाली का वरदान मिलता है। विवाहित लोगों के अलावा और अविवाहित लोग भी महाशिवरात्रि का व्रत रखते हैं। खासतौर पर कुंवारी कन्याएं योग्य जीवनसाथी के लिए ये व्रत रखती हैं। हालांकि व्रत के शुरू होने से लेकर उसके पारण तक कुंवारी कन्याओं को कई बातों का ध्यान रखना होता है। नहीं तो उन्हें पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। चलिए जानते हैं महाशिवरात्रि के व्रत से जुड़े उन 7 नियमों के बारे में जिनका पालन कुंवारी कन्याओं को अवश्य करना चाहिए।

महाशिवरात्रि व्रत से जुड़े नियम

  • व्रत के दिन प्रातः काल जल्दी उठकर गंगाजल से स्नान करें।
  • शुद्ध नीले रंग के वस्त्र धारण करें।
  • घर के मंदिर की गंगाजल से सफाई करें।
  • ब्रह्म मुहूर्त में हाथ जोड़कर भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें।
  • घर के मंदिर में एक चौकी रखें। उसके ऊपर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। कपड़े के ऊपर भगवान शिव और मां पार्वती की जोड़े वाली मूर्ति को स्थापित करें। साथ ही एक थाली के ऊपर शिवलिंग को स्थापित करें। शिव जी को दही, बेलपत्र, धतूरा, दूध, शहद, घी, चंदन, रुद्राक्ष की माला, फूल, मिठाई और अक्षत अर्पित करें। देवी पार्वती को श्रृंगार का सामान अर्पित करें और शिवलिंग का दूध-दही से अभिषेक करें। इस दौरान 'ॐ नमः शिवाय', 'हर हर महादेव' और अन्य शिव मंत्रों का जाप करें।
  • सुबह की पूजा के बाद अन्य तीन प्रहर के शुभ मुहूर्त में भी देवी-देवताओं की पूजा करें और पूरे दिन व्रत का पालन करें।
  • अगले दिन शुभ मुहूर्त में व्रत का पारण करें।
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महाशिवरात्रि की पूजा के शुभ मुहूर्त

  • सूर्योदय- सुबह 6:54
  • ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल 05:17 से लेकर सुबह 06:05 तक
  • रात्रि के प्रथम प्रहर की पूजा का समय- सुबह में 06:19 से लेकर 09:26 तक
  • रात्रि के द्वितीय प्रहर की पूजा का समय- सुबह 09:26 से अगले दिन प्रात: काल 12:34 तक
  • रात्रि के तृतीय प्रहर की पूजा का समय- 27 फरवरी को सुबह में 12:34 से 03:41 तक
  • रात्रि के चतुर्थ प्रहर की पूजा का समय- 27 फरवरी को प्रात: काल में 03:41 से सुबह 6:48 तक
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