Sunderkand Path Benefits: हनुमान जी के भक्तों के लिए सुंदरकाण्ड के पाठ का खास महत्व है, जो कि रामचरित मानस के 7 कांडों में से एक है। इसमें त्रेतायुग में हनुमान जी द्वारा देवी सीता की खोज और राक्षसों के संहार का वर्णन छंद के रूप में किया गया है। सुंदरकाण्ड के हर एक छंद में श्री राम भक्त हनुमान जी के बल और विजय की गाथा का उल्लेख है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से सुंदरकांड का पाठ करते हैं, उन्हें हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही भय और दुख-दर्द से छुटकारा मिलता है। चलिए जानते हैं सुंदरकांड का पाठ किस समय करना चाहिए। साथ ही आपको इससे होने वाले लाभ के बारे में भी पता चलेगा।
मान्यता है कि किसी भी प्रकार की परेशानी या संकट में सुंदरकाण्ड का 5 बार पाठ करना शुभ रहता है। इससे जल्द ही आपको अपनी उस समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
जो लोग नियमित रूप से सुंदरकांड का पाठ करते हैं, उन्हें भूत, पिशाच और यमराज से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा कुंडली में शनि, राहु और केतु आदि ग्रहों का नकारात्मक प्रभाव भी कम होता है।
यदि आपके जीवन में बार-बार परेशानियां आ रही हैं, तो संकल्प लेने के बाद सुंदरकांड का पाठ करना अच्छा रहेगा। माना जाता है कि सुंदरकांड के पाठ में इतनी शक्ति है कि इसके जाप से व्यक्ति को बड़ी से बड़ी परेशानी से आसानी से मुक्ति मिल जाती है।
श्रीराम चरित्र मानस के रचियता गोस्वामी तुलसीदास के अनुसार, हनुमान जी को जल्द प्रसन्न करने के लिए सुंदरकांड का पाठ 1 रामबाण उपाय है। जो लोग सच्चे मन से इसका पाठ करते हैं, उनके जीवन में सदा खुशियों का संसार होता है। व्यक्ति के अंदर सकारात्मक और विचारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। ऐसे में साधक को हर काम में आसानी से सफलता मिल जाती है।
सुंदरकाण्ड का पाठ करने से व्यक्ति के मन में चल रही उथल-पुथल शांत होती है। आत्मविश्वास और इच्छाशक्ति प्रबल होती है।
सुंदरकाण्ड का साप्ताहिक पाठ करने से गृह क्लेश दूर होता है और परिवार में खुशियां बढ़ती हैं। साथ ही रोगों से छुटकारा मिलता है।