Kamika Ekadashi Vrat 2025: भगवान शिव को समर्पित सावन माह को बेहद पवित्र माना जाता है, जिस दौरान पूजा-पाठ और व्रत रखने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। हर साल सावन माह में दो एकादशी तिथि आती हैं, जिनकी अपनी खासियत है। सावन माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी का व्रत रखा जाता है, जिस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु, धन की देवी मां लक्ष्मी सहित भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, कामिका एकादशी के दिन उपवास रखने से व्रती के साथ-साथ उनके पूर्वज और पितरों को भी लाभ होता है। इस पावन दिन मंदिर में दीपक जलाना भी शुभ होता है, जिससे व्रती को पापों से मुक्ति मिलती है और सूर्य लोक में स्थान प्राप्त होता है। साथ ही उनके पितरों को स्वर्गलोक में अमृतपान कराया जाता है। चलिए जानते हैं साल 2025 में किस दिन कामिका एकादशी की पूजा की जाएगी। साथ ही आपको व्रत के पारण के शुभ मुहूर्त के बारे में पता चलेगा।
कामिका एकादशी के व्रत का पारण (व्रत खोलना या तोड़ना) उपवास के अगले दिन सूर्योदय के बाद और द्वादशी तिथि के समाप्त होने से पहले करना आवश्यक होता है। यदि इस समय व्रत का पारण नहीं किया जाता है तो व्रती को पुण्य मिलने की जगह पाप लगता है। साल 2025 में 22 जुलाई को कामिका एकादशी के व्रत का पारण किया जाएगा। इस दिन प्रात: काल 05 बजकर 37 मिनट से सुबह 07 बजकर 05 मिनट के बीच पारण करने का शुभ मुहूर्त है।
कामिका एकादशी की पूजा का मुहूर्त
सूर्योदय- प्रात: काल 05:36
ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 04:14 से लेकर 04:55 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त- दोपहर में 12 बजे से लेकर 12:55 मिनट तक
गोधूलि मुहूर्त- शाम में 07:17 से लेकर 07:38 मिनट तक
निशिता मुहूर्त- प्रात: काल में 12:07 से लेकर 12:48 मिनट तक (22 जुलाई)
कामिका एकादशी के दिन का अशुभ मुहूर्त
राहुकाल- प्रात: काल 07:19 से लेकर सुबह 09:02 मिनट तक