Kaalchakra Today: शुक्र और शनि दोनों ही प्रभावशाली ग्रह हैं, जिनकी तय समय में जगह बदलती है। शुक्र को जहां धन, वैभव, प्रेम, सुंदरता और भौतिक सुख का दाता माना जाता है, वहीं शनि देव दुख, बीमारी, मोक्ष और संघर्ष के दाता हैं। जब भी ये दोनों ग्रह साथ में किसी राशि में मौजूद होते हैं तो उसका शुभ और अशुभ दोनों तरह का प्रभाव लोगों की जिंदगी पर पड़ता है।
आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि कुंडली के किस भाव में शुक्र-शनि की युति बनने से राशियों के जीवन में सकारात्मक व नकारात्मक बदलाव आते हैं।
कब शुक्र-शनि की युति देती है शुभ फल?
जिन लोगों की जन्म कुंडली के दूसरे, तीसरे, पांचवें और छठे भाव में शुक्र-शनि की युति बनती है, उनसे उन्हें शुभ फल मिलता है।
दूसरे भाव-