Kaalchakra News24 Today, Pandit Suresh Pandey: सनातन धर्म के लोगों के लिए होलाष्टक के हर एक दिन का खास महत्व है। होलाष्टक 8 दिनों तक रहता है जिसका आरंभ फाल्गुन माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होता है। अष्टमी तिथि से लेकर फाल्गुन पूर्णिमा तक होलाष्टक रहता है। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार इस बार आज यानी 7 मार्च 2025 से लेकर 13 मार्च 2025 यानी होलिका दहन तक होलाष्टक रहेगा।
होलिका दहन के एक दिन बाद 14 मार्च 2025 को होली का पर्व मनाया जाएगा। होलाष्टक के हर एक दिन को अशुभ माना जाता है जिस दौरान कुछ कार्यों को करने से साधक को विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि होलाष्टक के दौरान व्यक्ति को कौन-कौन से कार्यों को करने से बचना चाहिए।
होलाष्टक में कौन-से कार्यों को करने से बचना चाहिए?
होलाष्टक से होली तक नया काम शुरू न करें।
इस दौरान मुंडन संस्कार, जनेऊ संस्कार, शादी की बातचीत, सगाई या किसी नए कारोबार की शुरुआत करना वर्जित होता है।
होलाष्टक में हवन या यज्ञ जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए।
होलाष्टक में खरीदारी नहीं करनी चाहिए। इस दौरान संपत्ति खरीदना-बेचना, गृह प्रवेश या शिलान्यास आदि कार्य नहीं करने चाहिए।
होलाष्टक में जन्म से लेकर मृत्यु तक के सोलह संस्कार भी करने वर्जित होते हैं।
होलाष्टक में अष्टमी को चंद्रमा, नवमी को सूर्य, दशमी को शनि, एकादशी को शुक्र, द्वादशी को गुरु, त्रयोदशी को बुध, चतुर्दशी को मंगल और पूर्णिमा को राहु उग्र स्वभाव के होते हैं। ये 8 ग्रह दैनिक क्रियाकलापों पर विपरीत प्रभाव डालते हैं। इन ग्रहों के निर्बल होने से शरीर और दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इन ग्रहों के कारण निर्णय क्षमता में कमी आती है। इसके अलावा व्यक्ति गलत फैसले लेता है जिसके कारण उसे नुकसान होने की संभावना बढ़ जाती है।
यदि आप जानना चाहते हैं कि होलाष्टक में कौन-कौन से कार्यों को करने से साधक को विशेष फल मिलता है तो इसके लिए ये वीडियो जरूर देखें।ये भी पढ़ें- Guru Gochar 2025: गुरु की बदली चाल से इन 3 राशियों को होगा लाभ, बनेंगे बिगड़े काम!डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।