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Kaalchakra: किराए पर घर लेने-देने से पहले इन बातों पर दें ध्यान, पंडित सुरेश पांडेय ने बताए वास्तु नियम

वास्तु शास्त्र में घर के छोटे से छोटे कोने से जुड़े नियम बताए गए हैं, जिनका पालन न करने पर व्यक्ति को वास्तु दोष का सामना करना पड़ता है। चलिए प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय से जानते हैं किराए पर घर देने या लेने से पहले व्यक्ति को किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए।

जानें घर से जुड़े वास्तु नियम...
हर एक व्यक्ति का सपना होता है कि उसका खुद का घर हो। जहां कुछ लोगों का ये सपना सच हो जाता है तो कई लोग जिंदगीभर किराए के घर में ही रहते हैं। हालांकि कई बार उनका अपना व किराए का घर उनके लिए परेशानियों का कारण बनता है। दरअसल, वास्तु शास्त्र में घर के छोटे से छोटे कोने से जुड़े वास्तु नियम बताए गए हैं, जिनका पालन न करने पर व्यक्ति को समस्याएं घेर लेती हैं। आज के कालचक्र में प्रश्न कुंडली विशेषज्ञ पंडित सुरेश पांडेय आपको बताने जा रहे हैं कि किराए पर घर देने या लेते वक्त मकान मालिक और किराएदार को किन-किन बातों पर खास ध्यान देना चाहिए ताकि उन्हें वास्तु दोष का सामना न करना पड़े।

घर से जुड़े वास्तु नियम

  • अगर आप किराए पर देने के लिए घर बना रहे हैं तो घर बनवाते समय दक्षिण दिशा में मंगल यंत्र दबवाएं। जमीन से यंत्र कम से कम सवा फीट नीचे होना चाहिए। इसके अलावा घर में थोड़ा-सा कच्चा स्थान जरूर रखें। इससे घर में खुशहाली आएगी।
  • मकान मालिक जिस घर को किराए पर देना चाहते हैं, उस घर की छत ऊंची और दीवारें मोटी होनी चाहिए। इससे किराएदार के अनावश्यक दखल से बचा जा सकता है।
  • एक ही मकान में किराएदार और मकान मालिक दोनों रहने वाले हैं तो उत्तर-पश्चिम दिशा में किराएदार को रहने के लिए जगह दें। शास्त्रों में उत्तर-पश्चिम दिशा को चंद्रमा का स्थान माना गया है। यदि इस दिशा में किराएदार रहेगा तो उसका मन शांत रहेगा। जबकि दक्षिण-पश्चिम दिशा में किराएदार को जगह देने से मकान मालिक और किराएदार दोनों को आर्थिक, मानसिक और परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
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  • दक्षिण-पश्चिम दिशा में राहु का वास होता है। इस दिशा में मकान मालिक को रहना चाहिए। यदि इस दिशा में किराएदार रहेंगे तो वो मकान को जल्दी खाली नहीं करेंगे बल्कि उसे हड़पने की कोशिश करेंगे। ऐसे में दोनों पक्ष के बीच विवाद होगा और दोनों का ही जीवन प्रभावित होगा।
  • घर अगर बहुमंजिला है तो सबसे ऊपर के फ्लोर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में मकान मालिक को रहना चाहिए। दरअसल, मकान की ऊपरी मंजिल का दक्षिण-पश्चिम भाग किराएदार की शक्ति और अधिकारों में बढ़ोत्तरी करता है। ऐसे में मकान पर उनके अधिकार की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए किराएदार को नीचे की मंजिल पर ही स्थान देना चाहिए।
  • यदि मकान मालिक के घर का ईशान कोण दबा या कटा हुआ है तो किराएदारों से विवाद होता है।
  • एक दीवार से मिले हुए दो मकान यमराज के समान होते हैं। इसलिए कभी घर को इस तरह न बनवाएं।
  • घर के सामने सड़क है तो उस हिस्से को खाली न रखें। उस हिस्से में मकान मालिक को खुद रहना चाहिए वरना उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
यदि आप घर से जुड़े अन्य वास्तु नियमों के बारे में जानना चाहते हैं तो इसके लिए ऊपर दिए गए वीडियो को देखें। ये भी पढ़ें- Darsh Amavasya 2025: 26 मई को करें इन चीजों का दान, 12 राशियों को मिलेगा पितृ-चंद्र दोष से छुटकारा
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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