सनातन धर्म के लोगों के लिए राम जी के परम भक्त हनुमान जी की पूजा का खास महत्व है। जहां कुछ लोग रोजाना बजरंग बली की पूजा करते हैं तो कई लोग मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की आराधना करते हैं, क्योंकि ये दोनों दिन संकटमोचन की पूजा के लिए शुभ माने जाते हैं। मान्यता है कि हनुमान जी को प्रसन्न करना बेहद सरल है।
नियमित रूप से कुछ विशेष हनुमान मंत्रों का जाप करके बजरंग बली को प्रसन्न किया जा सकता है। आज के कालचक्र में पंडित सुरेश पांडेय आपको हनुमान मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं। साथ ही उनसे होने वाले लाभ के बारे में भी पता चलेगा।
हनुमान जी- बीज मंत्र
'ॐ हं हनुमते नमः'- इस बीज मंत्र का जाप सूर्योदय के समय पूर्व दिशा की ओर मुख करके 108 बार करना शुभ माना जाता है।
इस बीज मंत्र का जाप करने से एकाग्रता शक्ति बढ़ती है।
शनि की साढ़ेसाती में भी हनुमान जी का बीज मंत्र चमत्कारी माना गया है।
बीज मंत्र के जाप से शरीर को बल मिलता है और सहनशक्ति बढ़ती है।
साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
नकारात्मक ऊर्जा दूर रहती है।
हनुमान जी- मूल मंत्र
'ॐ श्री हनुमतये नमः'- जीवन में कोई भी रुकावट आ रही है तो इस मंत्र का नियमित जाप करें।
वैवाहिक जीवन में चल रहे क्लेश से छुटकारा पाने के लिए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं।
नौकरी या कारोबार में आ रही दिक्कतों से छुटकारा पाने के लिए मूल मंंत्र का जाप करें।
शारीरिक कष्ट या मानसिक तनाव से छुटाकार पाने के लिए भी ये मंत्र बेहद चमत्कारी है।
हनुमान गायत्री मंत्र
'ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि, तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्'- मंगलवार और शनिवार को इस मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है।
बुरी नजर, भूत-प्रेत और टोने-टोटके से बचने के लिए इस मंत्र का जाप किया जाता है।
शनि की साढ़ेसाती में हनुमान गायात्री मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए।