Vat Purnima Vrat 2025: हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, हर महीने की आखिरी तारीख को पूर्णिमा मनाई जाती है। इस समय ज्येष्ठ का महीना चल रहा है, जो हिन्दू कैलेंडर के हिसाब से तीसरा माह है। ज्येष्ठ माह की आखिरी तारीख को ज्येष्ठ पूर्णिमा मनाई जाएगी। ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा 'ज्येष्ठा' नक्षत्र में भ्रमण करते हैं। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी के साथ चंद्र देव की पूजा की जाती है। देश के कई हिस्सों में ज्येष्ठ पूर्णिमा को वट पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। आमतौर पर वट पूर्णिमा का व्रत सुहागिन महिलाएं रखती हैं।
वट पूर्णिमा के दिन व्रत रखने के साथ-साथ वट वृक्ष की पूजा, पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, किसी पवित्र नदी में स्नान और दान करना अत्यन्त शुभ रहता है। इससे साधक को मनचाहा वर मिलता है और जीवन में आ रही परेशानियां कम होने लगती हैं। चलिए जानते हैं वट पूर्णिमा की सही तिथि, पूजा के शुभ मुहूर्त और विधि के बारे में।
वट पूर्णिमा व्रत 2025 में कब है?
वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार, इस साल ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि 10 जून को सुबह 11 बजकर 35 मिनट से लेकर 11 जून 2025 को दोपहर 01 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के आधार पर इस बार ज्येष्ठ पूर्णिमा यानी वट पूर्णिमा 11 जून 2025, वार बुधवार को मनाई जाएगी। लेकिन ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत 10 जून 2025 को रखना शुभ रहेगा।
वट पूर्णिमा व्रत की पूजा के मुहूर्त
सूर्योदय- सुबह 05:23
चन्द्रोदय- शाम 07:41
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह में 04:02 से लेकर 04:42 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त- नहीं है
गोधूलि मुहूर्त- शाम में 07:18 से लेकर 07:38 मिनट तक