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Silver Nose Ring: नाक में चांदी की नथ पहनना शुभ है या अशुभ, जानिए क्या कहता है ज्योतिष शास्त्र?

Chandi ki Nath: वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सही धातु का शरीर के सही स्थान पर उपयोग जीवन में सकारात्मक बदलाव लाता है, खासकर जब इसे सौंदर्य या फैशन के लिए नियमित रूप से पहना जाए। यही बात सोने और चांदी के नथ लागू होती है। जहां तक चांदी के नथ की बात है, तो ज्योतिष में इसके विशेष मायने हैं? आइए जानते हैं, नाक में चांदी की नथ पहनना शुभ है या अशुभ?

Silver Nose Ring: हिंदू धर्म और संस्कृति में आभूषणों का महत्व केवल सौंदर्य या सामाजिक प्रतिष्ठा तक सीमित नहीं है। हर गहना, विशेष रूप से महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला, न केवल शारीरिक सुंदरता को बढ़ाता है, बल्कि उसके पीछे धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय कारण भी होते हैं। नथ यानी नाक की बाली या रिंग, महिलाओं के पारंपरिक श्रृंगार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसे विवाहित महिलाओं के शृंगार के 'सोलह श्रृंगार' में भी शामिल किया गया है। पर क्या आप जानते हैं कि यदि यह नथ चांदी की हो, तो इसके विशेष मायने होते हैं? आइए जानते हैं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नाक में चांदी की नथ पहनना शुभ है या अशुभ?

गहनों का ग्रहों से है गहरा संबंध

ज्योतिष शास्त्र में माना जाता है कि हर धातु और गहना किसी न किसी ग्रह से जुड़ा होता है। सोना सूर्य और बृहस्पति से जुड़ा है, तो चांदी चंद्रमा और शुक्र से संबंधित मानी जाती है। जब हम इन धातुओं को शरीर पर धारण करते हैं, तो उनका सीधा असर हमारे ग्रहों और जीवन पर पड़ता है। ये भी पढ़ें: Hair on Ears: अजीब लेकिन अहम संकेत है कान पर बाल का उगना, जानिए क्या कहता है सामुद्रिक शास्त्र

अंगों के अनुसार गहनों का सेलेक्शन

पुरानी मान्यताओं के अनुसार, शरीर के ऊपरी हिस्से (जैसे सिर, कान, गला, नाक) में सोना पहनना शुभ होता है, जबकि निचले हिस्से (जैसे पैर, कमर, एड़ी) में चांदी पहनने की परंपरा रही है। इसका कारण यह है कि सोना गर्म प्रकृति का होता है, जो ऊर्जावान ग्रहों से जुड़ा है, और चांदी ठंडी प्रकृति की, जो संतुलन बनाए रखती है।

चांदी की नथ क्यों मानी जाती है अशुभ?

नाक में चांदी की नथ पहनना कई धर्म विशेषज्ञों के अनुसार शुभ नहीं माना जाता। इसका कारण है: शुक्र ग्रह पर प्रभाव: नथ का सीधा संबंध शुक्र ग्रह से होता है, जो स्त्री सौंदर्य, प्रेम और वैवाहिक जीवन का कारक है। चांदी की नथ पहनने से शुक्र कमजोर पड़ सकता है, जिससे वैवाहिक जीवन में समस्याएं आ सकती हैं। चंद्रमा का असर: चांदी चंद्र ग्रह से संबंधित होती है, जो मानसिक संतुलन को दर्शाता है। लेकिन नाक में यह धातु पहनने से इसका प्रभाव नकारात्मक हो सकता है, जिससे भावनात्मक अस्थिरता बढ़ सकती है। मां लक्ष्मी की नाराजगी: धार्मिक मान्यता है कि सोना मां लक्ष्मी का प्रतीक है और इसे शरीर के ऊपरी हिस्से में ही पहनना चाहिए। चांदी, जो शीतल और शांत प्रकृति की है, यदि शरीर के ऊपरी भाग में पहनी जाए तो यह लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।

कब पहन सकते हैं चांदी की नथ?

हालांकि ज्योतिष शास्त्र में नाक में चांदी की नथ पहनने की मनाही है, पर कुछ विशेष परिस्थितियों में यह लाभकारी भी हो सकती है:
  • शुक्र दोष या चंद्रमा की अशुभ स्थिति में: किसी विद्वान ज्योतिषी से सलाह लेकर विशेष ग्रहों की शांति के लिए अस्थायी रूप से चांदी की नथ धारण की जा सकती है।
  • आयुर्वेदिक कारणों से: कुछ क्षेत्रों में माना जाता है कि नाक में चांदी की नथ पहनने से ठंडक बनी रहती है और यह सिरदर्द व हार्मोनल समस्याओं में राहत देती है।
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