Mahashivratri 2025: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने महाशिवरात्रि के मौके पर अपने नाम की कहानी साझा कर यह बताया कि उनका नाम शशि क्यों रखा गया। उन्होंने इसकी जानकारी अपने एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर दी है। अपने इस पोस्ट में उन्होंने बताया कि उनका नाम शशि भगवान शिव के माथे पर सजे चंद्रमा के नाम पर रखा गया है, क्योंकि उनका जन्म महाशिवरात्रि के दिन हुआ था। शशि शब्द का अर्थ चंद्रमा होता है, जो भगवान शिव की पर्सनालिटी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
थरूर ने एक्स (ट्विटर) पर लिखा, 'मेरा जन्म महाशिवरात्रि के दिन हुआ था और मेरा नाम शशि भगवान शिव के माथे पर सजे चंद्रमा के नाम पर रखा गया। केरल कैलेंडर के अनुसार, आज मेरा 'नक्षत्र जन्मदिन' है। यह दिन मेरे परिवार के लिए हमेशा से बहुत खास रहा है।'
शशि का अर्थ
आपको बता दें कि शशि शब्द संस्कृत भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ चंद्रमा होता है। चंद्रमा को हिंदू धर्म में शांति, सुंदरता और शीतलता का प्रतीक माना जाता है और भगवान मानकर पूजा की जाती है। वहीं ज्योतिष शास्त्र एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है और इसे मन और मस्तिष्क को प्रभावित और नियंत्रित करने की शक्ति प्राप्त है।
भगवान शिव और शशि
भगवान शिव को 'चंद्रशेखर' के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है 'अपने मस्तक पर चंद्रमा को धारण करने वाला'। भगवान शिव की छवि में, उनके माथे पर अर्धचंद्र को दर्शाया जाता है। यह चंद्रमा भगवान शिव की शक्ति, नियंत्रण और शांति का प्रतीक है। भगवान शिव के माथे पर चंद्रमा का होना उनके तपस्वी स्वभाव को भी दर्शाता है, क्योंकि चंद्रमा शीतलता और शांति प्रदान करता है। इस प्रकार, शशि यानी चंद्रमा भगवान शिव की छवि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और उनके दिव्य गुणों को दर्शाता है।
कहते हैं, सागर मंथन के दौरान निकले हलाहल विष को पी लेने के बाद जब महादेव शिव बहुत उद्विग्न और बेचैन हो उठे थे, तब ब्रह्मा के सुझाव पर शिव ने चंद्रमा को अपने मस्तक पर धारण किया था, ताकि उनको शीतलता और शांति प्राप्त हो।
ये भी पढ़ें: Vidura Niti: महात्मा विदुर की इन 3 सलाह को अपनाने से सफलता तय, बढ़ता है बैंक बैलेंस!डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।