होलिका दहन का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। होली से एक दिन पहले, फाल्गुन पूर्णिमा की रात को होलिका दहन किया जाता है, जिसे चिता दहन भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन की गई साधनाएं और उपाय अत्यंत प्रभावशाली होते हैं। खासतौर पर, होलिका दहन की राख को तंत्र-मंत्र नाशक और नकारात्मक और सकारात्मक ऊर्जा का संतुलन करने वाला माना जाता है। यह न केवल नकारात्मक शक्तियों को दूर करती है, बल्कि व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि और सुरक्षा भी लाती है। आइए, जानते हैं कि होलिका दहन की राख किन-किन उपायों में उपयोगी होती है?
नजर दोष से बचाव के लिए
जिन्हें बार-बार नजर लगती है, या छोटे बच्चों को नजर दोष से बचाना हो, तो होलिका दहन की राख बहुत उपयोगी मानी जाती है। इसे प्रयोग करने के कुछ प्रभावी उपाय इस प्रकार हैं:
होलिका दहन की राख को काजल की तरह आंखों के पास हल्के से लगाने से नजर दोष से बचाव होता है।
बच्चों को नजर न लगे, इसके लिए उनके माथे और नाभि पर राख का टीका लगाना शुभ होता है।
घर में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए होलिका दहन की राख को मुख्य द्वार पर छिड़कना लाभकारी होता है।
किसी भी व्यक्ति की बुरी नजर को हटाने के लिए राख को हाथ में लेकर सात बार घुमाकर घर के बाहर बहते पानी में प्रवाहित कर दें।
होलिका दहन की राख का उपयोग गंभीर से गंभीर जादू-टोना से बचाव के लिए किया जाता है। इसे घर या व्यवसाय स्थल पर करने के कुछ विशेष उपाय इस प्रकार हैं:
यदि आपको लगता है कि किसी ने आपके घर पर तांत्रिक प्रयोग किया है, तो होलिका दहन की राख को घर के चारों कोनों में छिड़क दें। इससे नकारात्मक शक्तियां निष्क्रिय हो जाती हैं।
घर की दहलीज पर राख रखने से बुरी शक्तियां प्रवेश नहीं करतीं।
इसे काले कपड़े में बांधकर ताबीज की तरह गले में पहनने से बाहरी नकारात्मक ऊर्जा और टोने-टोटके से सुरक्षा मिलती है।
यदि व्यापार में किसी की बुरी नजर या तंत्र-मंत्र के कारण बाधा आ रही हो, तो दुकान में होलिका की राख छिड़कने से लाभ मिलता है।
बुरे तंत्र-मंत्र से बचाव के लिए
कुछ लोग अपने स्वार्थ के लिए तंत्र-मंत्र का प्रयोग कर दूसरों को हानि पहुंचाने की कोशिश करते हैं। होलिका दहन की राख ऐसे नकारात्मक प्रभावों को निष्प्रभावी करने में सहायक होती है।
घर में तांत्रिक प्रभावों को खत्म करने के लिए राख को मुख्य द्वार पर हल्दी और गोमूत्र के साथ मिलाकर छिड़क दें।
यदि किसी व्यक्ति को संदेह हो कि उस पर तंत्र-मंत्र का प्रभाव हो रहा है, तो उसे नियमित रूप से होलिका की राख का टीका लगाने की सलाह दी जाती है।
सोने के स्थान पर राख को थोड़ा सा रखकर सोने से डरावने सपने नहीं आते और मानसिक शांति बनी रहती है।
किसी नए स्थान पर जाने से पहले होलिका दहन की राख को अपने साथ रखने से बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं से बचाव होता है।
ये उपाय भी करें
होलिका दहन की राख का महत्व केवल नजर दोष, जादू-टोना और तंत्र-मंत्र से बचाव तक ही सीमित नहीं है। इसके कई और उपयोगी लाभ भी हैं:
धन-संपत्ति की सुरक्षा के लिए: तिजोरी में थोड़ी सी राख रखने से धन की हानि नहीं होती और बरकत बनी रहती है।
स्वास्थ्य सुधार के लिए: इसे पानी में मिलाकर स्नान करने से शरीर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और स्वास्थ्य लाभ मिलता है।
किसी कार्य में सफलता के लिए: यदि कोई महत्वपूर्ण कार्य करने जा रहे हैं, तो राख का टीका लगाने से सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
आपको बता दें कि होलिका दहन की राख को प्राचीन काल से ही एक शक्तिशाली साधन के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसका उपयोग नजर दोष, जादू-टोना, तंत्र-मंत्र और अन्य नकारात्मक प्रभावों से बचाव के लिए किया जाता है। यदि इन उपायों को सही तरीके से अपनाया जाए, तो जीवन में सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। इसलिए, इस बार होलिका दहन के बाद इसकी राख को संभाल कर रखें और इसके प्रभावी प्रयोग से अपने जीवन को सुरक्षित बनाएं।
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