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Garuda Purana: कर्ज न लौटाने और दूसरों को दुख देने वालों का क्या होता है, जानें गरुड़ पुराण की डरावनी सच्चाई

Garuda Purana: गरुड़ पुराण बताता है कि मनुष्य अपने हर कर्म का फल पाता है. खासकर कर्ज न लौटाने, विश्वास तोडने और दूसरों को दुख देने वालों को कठोर परिणाम भुगतने पड़ते हैं. यह ग्रंथ चेतावनी देता है कि गलत कर्म मृत्यु के बाद भी पीछा नहीं छोड़ते हैं. जानिए आखिर ऐसे लोगों के साथ क्या होता है?

Garuda Purana: गरुड़ पुराण हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो जीवन, मृत्यु और हमारे कर्मों के परिणाम को सरल रूप में समझाता है. इसमें बताया गया है कि हर व्यक्ति अपने अच्छे और बुरे कर्मों का फल जरूर पाता है. इस ग्रंथ सिखाता है कि ईमानदारी और सदाचार से जीवन आगे बढ़ता है. साथ ही यह भी बताता है कि छोटी सी गलती भी भविष्य में बड़ा असर डाल सकती है, इसलिए हर काम सोचकर और जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए. इसमें खासकर कर्ज न लौटाने, विश्वास तोडने और दूसरों को दुख देने वालों के लिए इसमें कड़ी चेतावनियों का उल्लेख है. आइए जानते हैं, कर्ज न लौटाने और दूसरों को दुख देने वालों के साथ क्या होता है?

कर्ज लौटाना है जरूरी

जीवन में कभी भी कर्ज की जरूरत पड़ सकती है. यह गलत नहीं है. पर गरुड़ पुराण कहता है कि कर्ज को समय पर वापस न करना पाप की श्रेणी में आता है. यह केवल धन का मामला नहीं, बल्कि भरोसे का सवाल है. जो व्यक्ति जानबूझकर दूसरों का पैसा दबा लेता है, वह मृत्यु के बाद भारी परिणाम झेलता है.

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वैतरणी नदी: पापियों की कठिन राह

गरुड़ पुराण के अनुसार, कर्ज न लौटा पाने वाली आत्मा मृत्यु के बाद नर्क की ओर जाती है और उसे वैतरणी नदी पार करनी पड़ती है. यह साधारण नदी नहीं है. इसमें जहरीले जीव, कीचड़, गर्म रक्त और असहनीय पीड़ा देने वाली धाराएं होती हैं. यहां आत्मा को अपने बुरे कर्मों का दर्द भोगना पड़ता है.

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किन लोगों को झेलनी पड़ती है वैतरणी की यातना?

कर्ज लौटाने में धोखा देने वालों के अलावा कई अन्य प्रकार के लोग भी वैतरणी की यातना वाले इस मार्ग से गुजरते हैं. ये हैं:

विश्वास तोडने वाले: जो सामने प्यार दिखाते हैं लेकिन अंदर से छल करते हैं, उन्हें अपने पापों का फल जरूर मिलता है.
गुप्त रूप से गलत काम करने वाले: बाहर से भले लेकिन अंदर से पापी लोग मृत्यु के बाद सच्चाई के न्याय से बच नहीं पाते.
दूसरों को दुख देने वाले: जो किसी की परेशानी देखकर खुशी महसूस करते हैं या किसी की खुशी छीनते हैं, वे भी नर्क का भागी बनते हैं.
गुणी लोगों से ईर्ष्या करने वाले: जो अच्छे लोगों की सराहना नहीं करते या उनसे जलते हैं, उन्हें भी कठोर यातनाएं भोगनी पड़ती हैं.

गरुड़ पुराण की सीख

गरुड़ पुराण का उद्देश्य डर पैदा करना नहीं है, बल्कि मनुष्य को सतर्क और सजग बनाना है. यह बताता है कि समय पर कर्ज चुकाना, दूसरों का सम्मान करना, विश्वास को न तोडना और अच्छे कर्म करना. यह सब मनुष्य के जीवन को सुख, शांति और सम्मान से भर देता है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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