गंगा दशहरा 2025 महत्व
गंगा दशहरा को देवी गंगा की कृपा पाने का श्रेष्ठ दिन माना गया है। मान्यता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से शरीर और आत्मा दोनों शुद्ध होते हैं। हिन्दू मान्यता है कि गंगास्नान करने से सभी प्रकार के पाप नष्ट हो जाते हैं। गंगा का जल न केवल पवित्र होता है, बल्कि यह मोक्षदायिनी भी मानी जाती है। भागीरथ के तप से प्रसन्न होकर जब गंगा पृथ्वी पर आई थीं, तब उन्होंने उनके पूर्वजों का उद्धार किया था। कहते हैं, धरती पर उतरने से पहले देवी गंगा स्वर्गलोक में भगवान ब्रह्मा के कमंडल में रहती थीं। ये भी पढ़ें: अजीब लेकिन अहम संकेत है कान पर बाल का उगना, जानिए क्या कहता है सामुद्रिक शास्त्रगंगा दशहरा 2025 तिथि
गंगा दशहरा 2025 के दिन दशमी तिथि की शुरुआत 4 जून 2025 को रात 11:54 बजे से होगी और समाप्ति 5 जून 2025 को रात 2:15 बजे पर होगी। तिथि का प्रभाव मुख्यतः 5 जून को रहेगा, इसलिए गंगा दशहरा का पर्व 5 जून 2025, गुरुवार के दिन श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाएगा। इस दिन गंगा स्नान और दान के लिए विशेष मुहूर्त इस प्रकार हैं: ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 4:02 से 4:43 बजे तक अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11:52 से 12:48 बजे तक विजय मुहूर्त: दोपहर 2:39 से 3:34 बजे तक अमृत काल: रात 11:49 से अगले दिन 1:37 बजे तकइन मंत्रों से करें मां गंगा की पूजा
1. ऊं नमः शिवाय गंगायै नमः
इस मंत्र का अर्थ है: मैं भगवान शिव और देवी गंगा को नमस्कार करता हूं। यह मंत्र भगवान शिव और मां गंगा दोनों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करता है।2. गंगा गंगेति यो ब्रूयात्, योजनानाम् शतैरपि। मुच्यते सर्वपापेभ्यो, विष्णुलोके स गच्छति
इस मंत्र का अर्थ है: जो व्यक्ति सौ योजन दूर से भी 'गंगा गंगा' बोलता है, वह सभी पापों से मुक्त हो जाता है और विष्णु लोक में जाता है।3. गंगां वारि मनोहारि मुरारिचरणच्युतं। त्रिपुरारिशिरश्चारि पापहारि पुनातु मां॥
इस मंत्र का अर्थ है: हे गंगे! आपका जल मन को मोहित करने वाला है, जो भगवान मुरारी (विष्णु) के चरणों से निकलकर त्रिपुरासुर का संहार करने वाले शिवजी के सिर पर स्थित हुआ। आप समस्त पापों का नाश करती हैं, कृपया मुझे पवित्र करें।गंगा दशहरा के 5 प्रभावशाली उपाय
तुलसी का पौधा लगाएं: उत्तर दिशा में तुलसी लगाने से घर में लक्ष्मी का वास होता है और समृद्धि आती है। तांबे के लोटे से सूर्य को अर्घ्य दें: गंगा स्नान के बाद तांबे के लोटे से अर्घ्य देने से कारोबार में लाभ होता है। मिट्टी के कलश में जलदान करें: गरीबों को जल भरे कलश का दान करने से आर्थिक तंगी दूर होती है। गंगा जल से घर का शुद्धिकरण करें: गंगा जल छिड़कने से नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और शांति बनी रहती है। गंगा आरती में शामिल हों: यदि संभव हो, तो इस दिन दशाश्वमेध घाट पर गंगा आरती में शामिल हों। वाराणसी, हरिद्वार, प्रयागराज जैसे तीर्थस्थलों पर गंगा आरती का विशेष महत्व है। ये भी पढ़ें: Iraj Meaning: हनुमानजी से जुड़ा है Lalu Yadav के पोते इराज का नाम, जानें मतलब और राशि
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