क्यों हुआ था परशुराम अवतार?
कहते हैं, धरती पर हैहय राजा सहस्त्रबाहु और अन्य दुष्ट राजाओं के अत्याचार और आतंक बढ़ जाने पर स्वयं धरती माता ने भगवान विष्णु से अपना उद्धार करने की प्रार्थना की थी। तब उन्होंने ऋषि जमदग्नि और देवी रेणुका के पुत्र के रूप में जन्म लिया। ऋषि जमदग्नि ने उनका नाम 'राम' रखा। राम महान शिवभक्त थे। उन्होंने भगवान शिव को प्रसन्न कर युद्ध विद्या सिखलाने का वरदान मांगा।राम से बने परशुराम
युद्ध शिक्षा खत्म होने पर शिवजी ने उनकी भक्ति और युद्ध प्रतिभा से प्रसन्न होकर अपना 'परशु' (फरसा) प्रदान किया। तब से जमदग्नि-पुत्र राम, 'परशुराम' बन गए। जिस दिन यह घटना हुई थी, वह दिन वैशाख शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि थी।इसलिए मनाई जाती है परशुराम द्वादशी?
परशुराम द्वादशी पर करें ये 5 उपाय
संतान की इच्छा रखने वाले दंपति परशुराम द्वादशी के दिन भगवान परशुराम की पूरी निष्ठा और विधि-विधान से उनकी पूजा करते है। इस दिन धन-धान्य, सुख-समृद्धि सहित भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए विशेष उपाय भी किए जाते हैं। हल्दी गांठ के उपाय: परशुराम द्वादशी के दिन भगवान विष्णु की विधवत पूजा करें और उनकों चरणों में ताजे हल्दी की गांठ अर्पित करें। पूजा के बाद इस हल्दी को तिजोरी या धन रखने की जगह पर रखें। यह धन वृद्धि में सहायक होगा।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।