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Chhath Puja Arghya Mantra: संध्या और उषा अर्घ्य देते समय करें सूर्य के इन मंत्रों का जाप, बनेंगे बिगड़े काम

Chhath Puja 2025 Surya Arghya Mantra: छठ पर्व के तीसरे और चौथे दिन सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है, जिस दौरान कुछ प्रभावशाली मंत्रों के जाप से व्रती को विशेष लाभ हो सकता है. चलिए अब जानते हैं छठ पर्व के संघ्या और उषा अर्घ्य के दौरान सूर्य के किन मंत्रों का जाप करना चाहिए.

Credit- News24 Graphics

Chhath Puja Arghya Mantra 2025: छठ के महापर्व को सूर्य और छठी मैया की उपासना का प्रतीक माना जाता है, जिसका सनातनी लोगों के लिए खास महत्व है. इस दौरान देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने के साथ करीब 36 घंटे तक निर्जला उपवास रखना होता है. साथ ही शाम के समय डूबते सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया जाता है, जबकि प्रात: काल में उगते सूरज को उषा अर्घ्य देना होता है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, सूर्य देव को जल अर्पित करने से धार्मिक और आध्यात्मिक विकास होता है. इसी के साथ स्वास्थ्य में भी सुधार देखने को मिलता है.

इस बार 25 अक्टूबर से छठ पर्व की शुरुआत हो गई है, जिसके बाद 26 अक्टूबर को खरना की पूजा, 27 अक्टूबर को संध्या अर्घ्य और 28 अक्टूबर को उषा अर्घ्य के साथ इस महापर्व का समापन हो जाएगा. छठ पर्व के दौरान सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते समय कुछ मंत्रों का जाप करना शुभ रहता है, जिनके बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं.

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सूर्य मंत्र (सामान्य)-

  • ॐ आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात।।
  • ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।

इन मंत्रों के जाप से स्वास्थ्य में सुधार होने के साथ-साथ समृद्धि और सफलता का आशीर्वाद मिलता है.

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सूर्य के बीज मंत्र

  • ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः
  • ॐ घृणि: सूर्याय नमः

इन मंत्रों के जाप से सेहत में सुधार होता है और सफलता के नए रास्ते खुलते हैं. इसके अलावा अटके व बिगड़े काम बनने लगते हैं.

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सूर्य का गायत्री मंत्र

  • ॐ आदित्याय विद्महे दिवाकराय धीमहि तन्नो सूर्य: प्रचोदयात।।

इस मंत्र के जाप से मन को शांति मिलती है और आने वाली विपत्तियों से बचाव होता है.

सूर्य आदित्य हृदय स्तोत्र मंत्र

ॐ अस्य आदित्यह्रदय स्तोत्रस्य अगस्त्यऋषि: अनुष्टुप्छन्दः आदित्यह्रदयभूतो भगवान् ब्रह्मा देवता निरस्ताशेषविघ्नतया ब्रह्माविद्यासिद्धौ सर्वत्र जयसिद्धौ च विनियोगः।।

इस मंत्र का जाप करने से आत्मविश्वास बढ़ता है और मानसिक शांति मिलती है. इसके अलावा पिता-पुत्र के संबंधों में सुधार होता है और घर में शांति का माहौल कायम रहता है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.


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