कुंडली में कब लगता है काल सर्प दोष
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, प्रत्येक कुंडली में बारह भाव होते हैं। वहीं जब बारह भावों में राहु और केतु के शुभ और अशुभ रहने पर कुंडली में काल सर्प दोष लगता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काल सर्प दोष के कई प्रकार होते हैं। मान्यता है कि जब भी किसी जातक की कुंडली में काल सर्प दोष लगता है तो व्यक्ति के जीवन में कई तरह की परेशानियां आने लगती हैं। साथ ही व्यक्ति परेशान हो जाता है।कालसर्प दोष निवारण के मंत्र
ओम क्रौं नमो अस्तु सर्पेभ्यो कालसर्प शांति कुरु कुरु स्वाहा ।। ओम नमोस्तु सर्पेभ्यो ये के च पृथिवीमनु ये अन्तरिक्षे ये दिवि तेभ्यः सर्पेभ्यो नमः।। ओम नव कुलाय विध्महे विषदन्ताय धी माहि तन्नो सर्प प्रचोदयात “ओम क्लीम आस्तिकम् मुनिराजम नमोनमः” ।।कालसर्प दोष निवारण के उपाय
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चैत्र माह के अमावस्या तिथि के दिन स्नान-ध्यान करें और भगवान शिव की पूजा करें। भगवान शिव की पूजा करने के बाद चांदी या तांबे से निर्मित नाग या नागिन को बहती नदी में प्रवाहित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से कुंडली से काल सर्प दोष दूर हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, यदि आप काल सर्प दोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो अमावस्या तिथि के दिन स्नान-ध्यान करें और महादेव को गंगाजल से अभिषेक करें। अभिषेक करने के बाद शिव चालीसा का पाठ करें। यदि आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है, तो आपको चैत्र अमावस्या के दिन राहु और केतु के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यता है कि राहु-केतु के बीज मंत्र का जाप करने से काल सर्प दोष का प्रभाव कम हो जाता है।राहु-केतु के बीज मंत्र
ओम रां राहवे नमः और ॐ क्र केतवे नमः यह भी पढ़ें- आज मेष समेत 3 राशियों को होगा कारोबार में लाभ, इन 2 राशियों को रहना होगा सावधान यह भी पढ़ें- चैत्र नवरात्रि पर करने जा रहे हैं कलश स्थापना, तो नोट करें पूजा सामग्री यह भी पढ़ें- नवरात्रि पर बनेगा मीन राशि में त्रिग्रही योग, इन 3 राशियों को मिलेगी धन-दौलत
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष मान्यता पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।