Budh Purnima Katha: बौद्ध धर्म के संस्थापक भगवान बुद्ध के जीवन की एक-एक घटना ज्ञान और सीख से भरी है। दुनिया के सभी सफल व्यक्तियों ने उनकी शिक्षाओं और उनके अनमोल विचारों से प्रेरणा ली है। हमें भी जीवन में सफलता पाने और जीवन जीने के सुगम मार्ग के चुनाव के लिए गौतम बुद्ध से जुड़ी कहानियों को जरूर जानना चाहिए। आइए जानते हैं, उनके जीवन से जुड़ी एक खास कथा जो आपको मोटिवेट कर सकती है।
गौतम बुद्ध की कहानी
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, एक बार भगवान गौतम बुद्ध अपने भिक्षुओं के साथ किसी गांव से गुजर रहे थे। जिस गांव से गौतम बुद्ध गुजर रहे थे उस गांव के लोग पानी की त्रास से परेशान थे। उस गांव के लोगों को पानी के लिए दूर जाना पड़ता था। जब भगवान गौतम बुद्ध जा रहे थे तो कुछ दूर जाने के बाद एक बड़ा मैदान मिला, जो गांव के करीब था। उस मैदान में कई छोटे-छोटे गड्ढे खुदे हुए थे। भगवान गौतम बुद्ध का एक शिष्य ने उनसे आग्रह करते हुए पूछा की भगवन इस मैदान में इतने सारे गड्ढे क्यों खुदे हुए हैं। आखिर ऐसा क्यों हुआ है और उनका क्या उपयोग है।
शिष्य की बात सुनकर भगवान बुद्ध ने मुस्कुराते हुए कहा कि हैं शिष्य इस गांव में जल की समस्या हैं और गांव के लोग पानी की खोज में मैदान में जगह-जगह गड्ढे खोद रखे हैं। पानी का नाम सुनते ही शिष्य खुशी से मुस्कुराया और उन गड्ढों में पानी ढूंढने लगा। सभी गड्ढों में ढूंढने के बाद भी पानी नहीं मिला। ऐसे में वह निराश होकर भगवान गौतम बुद्ध से फिर पूछा कि भगवन इसमें तो कहीं पानी ही नहीं है।
तब भगवान गौतम बुद्ध कहते हैं कि हे प्रिय जो तुम इस गांव में लोग देख रहे हो वे सभी नदी में पानी लाने के लिए जाते हैं। इस बात पर भिक्षु फिर पूछता है कि भगवन क्या सच में इस गांव के जमीन में पानी नहीं है, तब भगवान कहते हैं कि इस गांव में पानी तो हैं, लेकिन सही जगह ढूंढा नहीं गया हैं। उन्होंने अपने शिष्य को समझाते हुए कहां कि इस गांव के लोगों ने सही जगह परिश्रम नहीं की है। यदि गांव के सभी लोग अलग-अलग गड्ढा न खोदने के बजाए एक ही दिशा में मेहनत करते तो पानी जरूर मिल जाता है।