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इन 5 उपायों से दूर होगा कुंडली का बुध दोष, जल्द पूरे होंगे बुध-बाधा से रुके और अटके काम

Budh Dosh Upay: ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक कुंडली में बुध ग्रह का मजबूत होना जरूरी है। बुध के कमजोर होने से वाणी, बुद्धि, तर्क और विवेक समेत इसका असर शिक्षा और व्यापार से सबसे अधिक होता है।

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Jul 3, 2024 13:59
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Budh Dosh Upay: वैदिक ज्योतिष में बुध एक बहुत शुभ ग्रह माने गए हैं। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक कुंडली में बुध का मजबूत होना आवश्यक है। जिनकी कुंडली में बुध मजबूत होते हैं, वैसे व्यक्ति बुद्धिमान और विद्वान होते हैं। आइए जानते हैं, बुध ग्रह का जीवन में महत्व क्या है, ये कुंडली में कब अशुभ माने गए हैं और ज्योतिष शास्त्र में बताए गए किन उपायों से बुध दोष को समाप्त कर सकते हैं?

जीवन में बुध ग्रह का महत्व

वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक ग्रह के कार्य और अधिकार निश्चित हैं, इसे ग्रह का कारकत्व कहते हैं। बुद्धि, विवेक, तर्क क्षमता, सीखना और समझना (Learning and Understanding), शिक्षा, बुद्धिमता और चतुराई, वाणी, लेखन, गणित, ज्योतिष, व्यापार, पत्रकारिता, मित्र, मामा, चाची, वाणी का व्यापार, वेद-ज्ञान, ममेरे-भाई बहन, नृत्य (डांस), तीर्थयात्रा, हास्यप्रेम आदि के कारक ग्रह बुध हैं। उनके शुभ और अशुभ होने जीवन के इन पहलुओं पर व्यापक असर होता है। कुंडली में कमजोर बुध ग्रह व्यक्ति को आजीवन अशिक्षित, अज्ञानी और मूर्ख बनाए रख सकता है। इसलिए जीवन में बुध ग्रह का अत्यधिक महत्व है।

बुध ग्रह कब होते हैं अशुभ?

वैदिक ज्योतिष के मुताबिक जब कुंडली में बुध ग्रह कमजोर होते हैं, तब वे अपना श्रेष्ठ फल नहीं दे पाते हैं। इसे ज्योतिष शास्त्र में ‘बुध-बाधा’ कहा गया है। बुध तब सबसे ज्यादा अशुभ होते हैं, जब वे मीन राशि में होते हैं। बता दें, मीन उनके शत्रु ग्रह बृहस्पति की राशि है। इस राशि में बुध सबसे कमजोर माने गए हैं। जब बुध कुंडली के 6, 8 या 12वें में होते हैं, तब भी वे अशुभ होते हैं। इसके अलावा जब बुध ग्रह बृहस्पति और मंगल की राशियों यानी मेष, वृश्चिक, धनु और मीन राशि में होते हैं, तो अशुभ माने गए हैं। साथ ही, यदि उन पर बृहस्पति और मंगल की दृष्टि होती है, तो वे अशुभ प्रभाव दिखाते हैं।

बुध दोष दूर करने के उपाय

वैदिक ज्योतिष में हरे रंग पर बुध ग्रह का स्वामित्व माना गया है। साथ ही, इस ग्रह पर भगवान गणेश और भगवान विष्णु की विशेष कृपा रहती है। इसलिए ज्योतिष शास्त्र में बुध दोष को दूर करने के लिए बताए गए अधिकांश उपाय हरे रंग की वस्तुओं और इन दोनों देवताओं की पूजा और उपासना से संबंधित हैं। आइए जानते हैं, ये उपाय क्या हैं?

  • बुधवार को हरी मूंग, हरी सब्जियों और हरे वस्त्र का दान करें। इससे बुध-बाधा दूर होती है। वाणिज्य-व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र में रुके हुए काम शीघ्र पूरे हो सकते हैं।
  • बुधवार को भगवान श्री गणेश की विधिवत आराधना करें। गणेशजी को हरा वस्त्र पहनाएं, हरी दूर्वा की माला अर्पित करें, हरे रंग की मोदक चढ़ाएं। इससे ज्ञान, धन और व्यापार में वृद्धि होती है।
  • अधिक से अधिक हरे रंग का वस्त्र पहनें। यदि रोज एक ही रंग के कपड़े नहीं पहन सकते हैं, तो अपने पास कम से कम हरे रंग का एक रुमाल हमेशा अपने पास रखें।
  • अपने घर या कमरे में को हरे रंग से रंगवाएं। कमरे में अधिक से अधिक हरे रंग वस्तुएं रखने का प्रयास करें।
  • बुध ग्रह को मजबूत बनाने के लिए उनका मुख्य रत्न ‘पन्ना’ धारण करें। यदि पन्ना उपलध न हो पाए तो एक्‍वामरीन, हरे रंग का जिरकॉन, अगेट, फिरोजा या पेरीडॉट भी पहन सकते हैं। रत्न धारण करने से पूर्व योग्य और अनुभवी ज्योतिष और पंडित से विमर्श अवश्य कर लेना चाहिए।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Jul 03, 2024 01:57 PM

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