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Buddha Temples: भगवान बुद्ध के 5 प्रसिद्ध मंदिर, जहां पर मिलती है मन को अपार शांति

Buddha Temples: वैदिक पंचांग के अनुसार, कल यानी 23 मई 2024 दिन गुरुवार को बुद्ध पूर्णिमा का व्रत है। मान्यता है कि इस दिन भगवान बुद्ध की पूजा विधि-विधान से करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। आज इस खबर भगवान बुद्ध के 5 प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जानने वाले हैं।

Buddha Temples In India:वैदिक पंचांग के अनुसार, कल यानी 23 मई को बुद्ध पूर्णिमा है। बुद्ध पूर्णिमा के दिन भगवान बुद्ध की पूजा की जाती है। भगवान बुद्ध की पूजा करने से मन को सुख-शांति मिलती है। आज इस खबर में बताने वाले हैं भगवान बुद्ध के ऐसे 5 मंदिर जहां जाने के बाद आपकी आत्मा को शांति मिलेगी। साथ ही आपका मन प्रसन्न हो जाएगा। मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी। तो आइए सभी 5 मंदिरों के बारे में संक्षेप में जानते हैं।

महाबोधि मंदिर

महाबोधि मंदिर बिहार के गया जिला में स्थिति स्थित है। मान्यता है कि गया में भगवान बुद्धि ने बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर अपनी शिक्षा-दीक्षा पूरी की थी। बोधगया में बोधि वृक्ष अभी भी मंदिर के अंदर मौजूद है। इस मंदिर में आने के बाद आपके मन को शांति मिलेगी। साथ ही सुकून का अहसास होगा।

सारनाथ मंदिर

सारनाथ मंदिर वाराणसी के पास सारनाथ मंदिर स्थित है। यह मंदिर भी बौद्ध तीर्थ स्थलों में से एक है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वाराणसी के सारनाथ से ही भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश दिया था।

द वाट थाई मंदिर

भगवान बुद्ध के आध्यात्मिक केंद्रों में से एक है द वाट थाई मंदिर। यह मंदिर कुशीनगर में स्थिति हैं। इस मंदिर की बनावट और कलाकृति देखने में बेहद ही सुंदर और मनमोहक है। कहा जाता है कि द वाट थाई मंदिर किसी खजाने से कम नहीं है। इसमें बहुत सारे खजाने भरे हुए हैं।

रेड मैत्रेय मंदिर

रेड मैत्रेय मंदिर में भगवान बुद्ध की 49 फुट लंबी ऊंची मूर्ति स्थापित हैं। यह मंदिर लेह में स्थित हैं। मान्यता है कि रेड मैत्रेय मंदिर थिकसे मठ का एक हिस्सा है। यह मंदिर भगवान बुद्ध की ऊंची प्रतिमा की वजह से ज्यादा प्रसिद्ध है।

महापरिनिर्वाण मंदिर

महापरिनिर्वाण मंदिर अपनी कलाकृति और आध्यात्मिकता की वजह से प्रसिद्ध हैं। इस मंदिर में भगवान बुद्ध लेटे हुए हैं। इस मंदिर में भगवान बुद्ध की मनमोहक मूर्ति देखकर आप दंग ही रह जाएंगे। यह मंदिर कुशीनगर में स्थित हैं। यह स्थान भगवान बुद्ध के पवित्र तीर्थ स्थानों में से एक माना गया है। यह भी पढ़ें- अक्षय फल देने वाला गंगा दशहरा कब, जानें शुभ तिथि, मुहूर्त और महत्व यह भी पढ़ें- ‘ट्विन मिरैकल’ की घटना क्या है? जानें बौद्ध धर्म में इसका क्या महत्व डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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