Bhaum Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ होता है. भगवान शिव को प्रसन्न करने लिए प्रदोष व्रत करना चाहिए. मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रदोष व्रत 2 दिसंब 2025, दिन मंगलवार को है. इस व्रत को भौम प्रदोष व्रत के नाम से जानते हैं. 2 दिसंबर को दोपहर 3 बजकर 58 मिनट पर त्रयोदशी तिथि लग जाएगी. इस दिन प्रदोष काल के समय त्रयोदशी तिथि होगी. प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल में मान्य होती है. ऐसे में 2 तारीख मंगलवार को यह व्रत मान्य होगा. चलिए प्रदोष व्रत की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त के बारे में जानते हैं.
भौम प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त
भगवान शिव की पूजा प्रदोष व्रत के दिन प्रदोष काल में करना शुभ होता है. इस दिन सुबह को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 05:13 से 06:04 तक और प्रातः संध्या मुहूर्त में सुबह 05:38 से 06:56 तक सुबह पूजा कर व्रत का संकल्प लें. इसके बाद प्रदोष काल में पूजन के लिए शुभ मुहूर्त शाम को 05:57 से 06:23 तक रहेगा. इसके साथ ही सायाह्न संध्या मुहूर्त शाम को 06:00 से 07:17 तक रहेगा. आप इस मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं.
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भौम प्रदोष व्रत पूजा विधि
भौम प्रदोष व्रत की पूजा के लिए सबसे पहले सुबह उठने के बाद स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहनें. इसके बाद आप पूजा स्थल की सफाई करें और भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित कर विधि विधान से पूजा करें. भगवान के समक्ष दीपक और धूप जलाएं. भगवान शिव को बेलपत्र, फल, फूल आदि अर्पित करें. मंत्रों का जाप करें आरती करें और भोग लगाएं. शाम को प्रदोष काल के समय स्नान आदि कर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पूजा करें. आप भगवान शिव की आरती करें और शिव चालीसा का पाठ करें.
प्रदोष व्रत में करें इन मंत्रों का जाप
- ॐ नमः शिवाय
- श्री शिवाय नम:
- श्री शंकराय नम:
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.