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Chhoti Ayodhya: बिहार के इस गांव को कहते हैं छोटी अयोध्या, यहां के बजरंग बली करते हैं नौकरी की मनोकामना पूरी

Chhoti Ayodhya: भागलपुर का मकंदपुर गांव छोटी अयोध्या के नाम से प्रसिद्ध है. यहां बजरंगबली चौक स्थित हनुमान मंदिर में नौकरी और रोग मुक्ति की मान्यता है, आइए जानते हैं, आखिर क्या है इस मंदिर की चमत्कारी आस्था का रहस्य?

Chhoti Ayodhya: बिहार के भागलपुर जिले का मकंदपुर गांव अपनी अलग पहचान के कारण प्रसिद्ध है. इस गांव को लोग स्नेह से छोटी अयोध्या कहते है. गांव के बीच स्थित बजरंगबली चौक पर हनुमान जी का प्राचीन मंदिर श्रद्धा का प्रमुख केंद्र है. दूर दूर से भक्त इस स्थान पर दर्शन और पूजा के लिए आते है. गांव का वातावरण भक्ति, भजन और सेवा भाव से भरा रहता है. आइए जानते हैं, बजरंग बली के इस मंदिर की विशेषताएं.

100 वर्ष पुरानी आस्था की परंपरा

इस मंदिर का इतिहास लगभग सौ वर्ष पुराना बताया जाता है. पहले यह एक छोटा सा स्थान था, पर समय के साथ इसका विस्तार हुआ. करीब पचास वर्ष पहले मंदिर का विकास कार्य तेज हुआ. आज यह मंदिर पूरे इलाके की आस्था का केंद्र बन चुका है. स्थानीय लोग पीढी दर पीढी इस मंदिर से जुडे रहते है और इसकी महिमा को आगे बढाते है.

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नौकरी से जुडी मान्यता

इस मंदिर से जुडी सबसे खास मान्यता नौकरी और रोग मुक्ति से संबंधित है. मान्यता के अनुसार सच्चे मन से की गई प्रार्थना का फल अवश्य मिलता है. नौकरी की तलाश में लगे युवा और लंबे समय से बीमारी से परेशान लोग विशेष रूप से यहां आते है. भक्तों का विश्वास इस मंदिर को और भी खास बनाता है.

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ध्वजा और सुंदरकांड का है विशेष महत्व

मनोकामना पूरी होने पर भक्त हनुमान जी को ध्वजा अर्पित करते है. कई लोग सुंदरकांड का पाठ भी कराते है. सप्ताह के अधिकतर दिन मंदिर में सुंदरकांड का आयोजन होता है. पूरे क्षेत्र में भजन और कीर्तन की ध्वनि सुनाई देती है. साल भर में यहां सैकडों ध्वजा चढाई जाती है, जो भक्तों की आस्था का प्रमाण है.

आरती के समय दिखती है भक्ति की छटा

सुबह से शाम तक मंदिर में भक्तों का आना जाना लगा रहता है. विशेष रूप से शाम की आरती के समय माहौल भक्तिमय बन जाता है. दीप, घंटी और भजन से पूरा क्षेत्र पावन हो जाता है. आसपास के कई गांवों के लोग इस समय दर्शन के लिए पहुंचते है.

आस्था के साथ सेवा का संदेश

यह मंदिर केवल मनोकामना तक सीमित न रहता, बल्कि सेवा और सद्भाव का संदेश भी देता है. त्योहारों पर सामूहिक पूजा, प्रसाद वितरण और जरूरतमंदों की सहायता की जाती है. यही कारण है कि मकंदपुर का यह मंदिर आज भी लोगों के दिलों में विशेष स्थान रखता है और छोटी अयोध्या के नाम को सार्थक करता है.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


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