Trendingvande mataramIndigoBigg Boss 19

---विज्ञापन---

अनंत चतुर्थी पर करें ये एक उपाय, मिल सकती है विष्णु-लक्ष्मी जी के निवास स्थान बैकुंठ धाम में जगह

Anant Chaturdashi 2025: हर वर्ष भाद्रपद महीने में आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन श्रीहरि के अनन्त रूप की पूजा और कुछ उपाय किए जाते हैं। चलिए जानते हैं भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी के निवास स्थान बैकुंठ धाम में जगह पाने के लिए इस शुभ दिन करने वाले सिद्ध उपाय के बारे में।

Credit- Social Media

Anant Chaturdashi 2025: सनातन धर्म में श्रीहरि विष्णु को जगत का पाहनहार माना गया है, जो पूरे संसार के पालनहार, रक्षक और पोषक हैं। धन की देवी मां लक्ष्मी श्रीहरि विष्णु की अर्धांगिनी (पत्नी) हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, विष्णु अपनी पत्नी लक्ष्मी जी के साथ बैकुंठ धाम में वास करते हैं, जो श्रीहरि का प्रथम निवास स्थान भी है। बैकुंठ एक अलौकिक धाम है, जहां जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त आत्माएं अनंत काल तक भगवान विष्णु की सेवा करती हैं। हालांकि, हर किसी को बैकुंठ धाम में स्थान नहीं मिलता है। यहां नास्तिक, बुरे कर्म व आचरण वाले व्यक्ति को स्थान नहीं मिलता है, बल्कि भगवान विष्णु के भक्त और मोक्ष प्राप्त कर चुकी पुण्य आत्माओं को जगह मिलती है। बता दें कि बैकुंठ धाम को स्वर्ग से ऊपर और कहीं अधिक श्रेष्ठ माना जाता है।

कुछ प्रभावशाली उपायों को करके बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्ति किया जा सकता है। आज हम आपको शास्त्रों में बताए गए एक ऐसे उपाय के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे यदि व्यक्ति अनंत चतुर्दशी के पावन दिन करता है तो बैकुंठ धाम में उसे जगह मिलने का रास्ता आसान होता है।

---विज्ञापन---

बैकुंठ धाम में जगह पाने का सिद्ध उपाय

साल 2025 में 6 सितंबर 2025, वार शनिवार को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन प्रात: काल में घर के मंदिर में एक चौकी रखें। उसके ऊपर लाल रंग का कपड़ा बिछाकर विष्णु जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। एक लाल रंग का सूत्र लें और उसमें 14 गांठें बांधें। सूत्र को भगवान विष्णु के चरणों में अर्पित करें। विष्णु जी को पीले रंग के कपड़े, फल, फूल, पीले अक्षत और मिठाई अर्पित करें। अब व्रत का संकल्प लें और घी का एक दीपक जलाएं। आरती करके पूजा का समापन करें। अंत में सूत्र (अनंत सूत्र) को अपने दाहिने हाथ के बाजू पर बांधा लें। अगले दिन इस सूत्र को बहते हुए पानी या किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें, लेकिन इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करें और मन से भी शुद्ध रहें।

---विज्ञापन---

धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो व्यक्ति 14 साल तक अनंत चतुर्दशी के पावन दिन ये उपाय करता है, उसे भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही विष्णु और लक्ष्मी जी के निवास स्थान बैकुंठ धाम में जगह मिलने की संभावना बढ़ जाती है।

ये भी पढ़ें- Anant Chaturdashi: अनंत चतुर्दशी पर करें ये 3 उपाय, श्रीहरि की कृपा से बनेंगे बिगड़े काम

अनंत चतुर्दशी की पूजा का शुभ मुहूर्त

इन 14 लोकों की विष्णु जी के की थी रचना

पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्राचीन काल में अनंत चतुर्दशी के दिन ही जगत के पालनहार भगवान विष्णु ने अतल, भूलोक, भुवलोक, वितल, सतल, स्वलोक, महलोक, तपोलोक, ब्रह्मलोक, रसातल, तलातल, जनलोक, महातल और पताल लोक की रचना की थी, जिनके संरक्षण और पालन के लिए वो 14 रूप में प्रकट हुए थे। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा होती है और अनंत सूत्र की 14 गांठों में 14 लोकों के प्रतीक के तौर पर गांठ बांधी जाती है।

ये भी पढ़ें- अनंत चतुर्दशी पर इस विधि से करें पूजा, मिलेगी विष्णु जी की विशेष कृपा

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।


Topics:

---विज्ञापन---