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Maa Durga Ki Aarti । मां दुर्गा की आरती: ॐ जय अम्बे गौरी… Om Jai Ambe Gauri Maa Durga Aarti Lyrics In Hindi

Maa Durga Ki Aarti: मां दुर्गा को शक्ति का रूप माना जाता है, जिनकी पूजा करने से भय, शत्रु और जीवन की तमाम समस्याओं से मुक्ति मिलती है. यदि आप भी माता दुर्गा की पूजा करते हैं तो अंत में उनकी आरती जरूर करें. चलिए जानते हैं मां दुर्गा की आरती के महत्व और सही लिरिक्स के बारे में.

Credit- News24 GFX

Durga Mata Aarti Lyrics In Hindi: सनातन धर्म में मां दुर्गा की पूजा का खास महत्व है, जिन्हें शक्ति का रूप माना जाता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां दुर्गा देवों के देव महादेव की अर्धांगिनी माता पार्वती का उग्र स्वरूप हैं, जिन्हें सुरक्षा, ऊर्जा और विनाश का प्रतीक माना जाता है. मां पार्वती ने शुंभ और निशुंभ जैसे शक्तिशाली राक्षसों के वध और ब्रह्मांड को बुराई से बचाने के लिए मां दुर्गा का रूप लिया था. मान्यता है कि जो लोग सच्चे मन से मां दुर्गा की उपासना करते हैं, उन्हें नकारात्मक ऊर्जा, शत्रु और असफलता आदि से छुटकारा मिलता है.

खासकर, मां दुर्गा की आरती करने से मानसिक शांति मिलती है और जीवन में आ रही परेशानियों का समाधान मिलता है. यदि आप भी मां दुर्गा से मनचाहा आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो नियमित रूप से उनकी पूजा के दौरान आरती करें. यहां पर आप मां दुर्गा की आरती के सही लिरिक्स पढ़ सकते हैं.

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मां दुर्गा की आरती (Maa Durga Aarti)

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

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मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को।
उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी।
सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुखहारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती।
कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता। सुख संपति करता॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे॥
ॐ जय अम्बे गौरी..॥

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।

मां दुर्गा की पूजा विधि (Maa Durga Puja Vidhi)

  • स्नान आदि कार्य करने के बाद शुद्ध लाल रंग के कपड़े धारण करें.
  • गंगाजल से पूजा स्थान को शुद्ध करें.
  • मंदिर में मां दुर्गा की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना करें.
  • घी या तिल के तेल का एक दीपक जलाएं.
  • मां दुर्गा को लाल चुनरी, कलावा, सिंदूर, लाल फूल, अक्षत और नैवेद्य अर्पित करें. इस दौरान मंत्र जाप करें.
  • दुर्गा चालीसा या दुर्गा सप्तशती का पाठ करें.
  • मां दुर्गा की आरती करने के पश्चात घर के सदस्यों को प्रसाद दें.

मां दुर्गा का प्रिय रंग कौन-सा है? (Maa Durga Priya Rang)

धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां दुर्गा को लाल रंग अति प्रिय है, जिसे शक्ति, ऊर्जा और साहस का प्रतीक माना जाता है.

मां दुर्गा के मंत्र (Maa Durga Mantra)

  • ॐ दुं दुर्गायै नमः
  • ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे
  • सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.


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