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रिश्तों में चुनावी जंग..कहीं सगे भाई तो कहीं चाचा-भतीजे आमने-सामने

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार कई सीटों पर रिश्तों का भी इम्तिहान हो रहा है। प्रदेश की पांच ऐसी सीटें हैं, जहां भाई से भाई और चाचा से भतीजा, समधी से समधन और जेठ-बहू आमने-सामने से चुनाव लड़ रहे हैं।

Madhya Pradesh Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार कई सीटों पर रिश्तों का भी इम्तिहान हो रहा है। प्रदेश की पांच ऐसी सीटें हैं, जहां भाई से भाई और चाचा से भतीजा, समधी से समधन और जेठ-बहू आमने-सामने से चुनाव लड़ रहे हैं। ये सीटें नर्मदापुरम, टिमरनी, सागर, देवतालाब और डाबर की हैं। नर्मदापुरम में दो सगे भाइयों के बीच मुकाबला है। पहले दोनों भाई बीजेपी में थे। कांग्रेस ने बीजेपी से आए गिरजा शंकर को टिकट दे कर इस सीट पर मुकाबले को बेहद दिलचस्प बना दिया है। इस सीट पर भाजपा ने उनके सगे भाई को मैदान में उतारा है। सागर सीट पर भी यही नजारा है, जहां जेठ के सामने बहु चुनाव लड़ रही है और हरदा जिले की टिमरनी सीट पर चाचा भाजपा से जबकि भतीजा कांग्रेस से चुनावी मैदान में है। आइए जानते हैं इन सीटों के बारे में-

चाचा और भतीजा आमने-सामने

हरदा जिले की टिमरनी विधानसभा सीट पर चाचा और भतीजा एक दूसरे के आमने-सामने नजर आ रहे हैं। इस सीट पर बीजेपी ने विधायक संजय शाह को टिकट दिया है। संजय टिमरनी विधानसभा सीट से 2008 से लगातार तीन बार के विधायक हैं। जबकि, कांग्रेस ने इस सीट पर संजय शाह के भतीजे अभिजीत को दोबारा चुनावी मैदान में उतार दिया है। पिछली बार भी इस सीट पर रोमांचक मुकाबला देखा गया था। पिछली बार भतीजा अपने चाचा से मात्र 2,213 वोटों के अंतर से हार गया था।

दो सगे भाइयों के बीच जंग

नर्मदापुरम विधानसभा सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है। इस सीट से 2 सगे भाई चुनाव मैदान में हैं। बीजेपी ने 5 बार के विधायक डॉ. सीतासरन शर्मा को टिकट दिया है। वहीं, कांग्रेस ने इस सीट पर सीतासरन के सगे भाई गिरिजाशंकर को टिकट देकर मुकाबले को बेहद रोचक बना दिया है। गिरिजाशंकर साल 2003 से 2013 तक भाजपा के टिकट पर विधायक रह चुके हैं। गिरिजाशंकर जनसंघ के समय से भाजपा में रहे। करीब 45 साल भाजपा में रहने के बाद 10 सितंबर को गिरिजाशंकर ने कांग्रेस ज्वॉइन कर ली थी।

समधी-समधन होंगे आमने-सामने

प्रदेश की डबरा सीट पर समधी-समधन के बीच मुकाबला देखा जा रहा है। भाजपा से इमरती देवी चुनावी मैदान में हैं। तो वहीं, कांग्रेस ने इमरती देवी के समधी और वर्तमान विधायक सुरेश राजे को टिकट दिया है। पिछले उप चुनाव में भाजपा ने कांग्रेस से आईं इमरती देवी को डबरा से टिकट दिया था। वहीं, कांग्रेस ने इमरती देवी के खिलाफ उनके समाधि और सुरेश राजे को टिकट दिया था, तब इमरती देवी चुनाव हार गई थीं। इसके पहले सुरेश राजे भाजपा में थे लेकिन इमरती देवी के आने के बाद कांग्रेस में चले गए। ऐसा तीसरी बार है, जब इमरती और उनके समधी चुनाव में एक दूसरे के आमने-सामने हैं। इसलिए यहां भी मुकाबला रोमांचक होने वाला है। यह भी पढ़ें- माता के मंदिर में झूले से लगा करंट, बच्ची की मौत, भाई-पिता भी आए चपेट में

चाचा-भतीजे के बीच होगा मुकाबला

देवतालाब विधानसभा सीट से बीजेपी ने 3 बार के विधायक और वर्तमान में विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम को टिकट दिया है। गिरीश इस सीट पर 2008 से लगातार विधायक हैं। पिछली बार देवतालाब सीट पर भाजपा-कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हुई थी और गिरीश गौतम बीएसपी की सीमा सिंह सेंगर से 1080 वोट से चुनाव जीते थे। इस सीट पर कांग्रेस की विद्यावती पटेल को 22% वोट मिले थे। इस बार कांग्रेस ने इस सीट पर गिरीश के भतीजे पद्मेश गौतम को टिकट देकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है।

जेठ और बहू आमने-सामने

प्रदेश की सागर विधानसभा सीट पर जेठ और बहू आमने-सामने हैं। इस सीट पर जैन समाज के लोग बड़ी संख्या में हैं और पिछले 38 वर्षों से जैन प्रत्याशी ही चुनाव जीतते आ रहे हैं। बीजेपी ने 3 बार के विधायक शैलेंद्र जैन को टिकट दिया है। शैलेंद्र चौथी बार चुनाव मैदान में हैं। वहीं, कांग्रेस ने इस सीट से शैलेंद्र के छोटे भाई सुनील की पत्नी निधि को टिकट देकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया है। निधि साल 2020 के नगरीय चुनावों में महापौर का चुनाव लड़ चुकी हैं। वे बीजेपी की संगीता तिवारी से चुनाव हार गई थीं।  


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