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इतिहास के पन्नों से: कैसे 6 मिनट की स्टोरी ने छीन ली थी राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी!

Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान में इस समय चुनावी माहौल है। इस साल के अंत तक राज्य को विधानसभा चुनाव से गुजरना होगा। कांग्रेस के सामने, जहां अपना किला बचाए रखने की चुनौती है। वहीं, भाजपा इस किले में सेंध लगाने को आतुर है। इस चुनावी माहौल में एक बहुत पुराने किस्से का जिक्र […]

Rajasthan CM Hardev Joshi & Journalist Santosh Bhartiya
Rajasthan Assembly Election 2023 : राजस्थान में इस समय चुनावी माहौल है। इस साल के अंत तक राज्य को विधानसभा चुनाव से गुजरना होगा। कांग्रेस के सामने, जहां अपना किला बचाए रखने की चुनौती है। वहीं, भाजपा इस किले में सेंध लगाने को आतुर है। इस चुनावी माहौल में एक बहुत पुराने किस्से का जिक्र करना दिलचस्प और जरूरी होगा, क्योंकि ये मुद्दा न केवल सियासी वादों की असलियत को उजागर करता है, बल्कि निष्पक्ष और ईमानदार पत्रकारिता की एक तस्वीर भी पेश करता है। यह भी पढ़ें - राजस्थान : जेपी नड्डा ने गहलोत सरकार पर बोला हमला कहा, “राजस्थान में भ्रष्टाचार की सरकार है”

6 मिनट की रिपोर्ट ने छीनी हरदेव जोशी की कुर्सी

बात 1985 की है, जब देश की कमान राजीव गांधी के हाथों में थी और राजस्थान के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर हरदेव जोशी विराजे थे, उन दिनों दूरदर्शन पर ‘न्यूजलाइन’ नाम से एक प्रोग्राम आता था। टीवी की दुनिया में करंट अफेयर्स पर आधारित ये देश का पहला प्रोग्राम था। इस पर दिखाई देने वाली खबरों की धार, छुरी से भी तेज हुआ करती थी। ‘न्यूजलाइन' की दिग्गजों की इस टीम ने एक से बढ़कर एक खबरें ब्रेक कीं, लेकिन जिस खबर ने राजस्थान की पूरी सियासत को हिलाकर रख दिया और प्रधानमंत्री को एक्शन लेने के लिए मजबूर कर दिया, वो आदिवासी क्षेत्रों के हाल से जुड़ी थी। संतोष भारतीय की महज 6 मिनट की रिपोर्ट ने ऐसा तूफान उठाया कि हरदेव जोशी की कुर्सी चली गई। खबर और मामला क्या था, ये समझने के लिए हमें इतिहास में झांकना होगा।

राजीव गांधी ने किया था गांव का दौरा

1985 के दौर में प्रधानमंत्री राजीव गांधी राजस्थान के एक आदिवासी ग्रामीण के बुलावे पर उसके गांव पहुंचे थे, यहां उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री हरदेव जोशी को निर्देश दिए कि आदिवासियों को हर संभव सहायता पहुंचाई जाए, उनकी समस्याओं का तुरंत निराकरण किया जाए। राजीव गांधी की इस यात्रा के छह महीने बाद, संतोष भारतीय फॉलोअप स्टोरी तैयार करने उसी गांव गए, ताकि पता लगाया जा सके कि PM के निर्देशों को CM ने कितनी गंभीरता से लिया और आदिवासियों की स्थिति में क्या सुधार हुआ। संतोष भारतीय ने पाया कि बड़े-बड़े दावे हवाई साबित हुए। मूलभूत सुविधाओं के नाम पर आदिवासियों को ठगा गया, बच्चों के लिए बनाया गया स्कूल, सरकारी सिस्टम की कहानी खुद-ब-खुद बयां कर रहा था। उन्हें यह भी पता चला कि राजीव गांधी, जिस आदिवासी पति-पत्नी को 200 रुपए देकर आए थे, उसे अगले दिन सरकारी कर्मचारी वापस ले गए। यह भी पढ़ें - सचिन पायलट का दो दिवसीय राजस्थान दौरा, टोंक में बोले- हम सबको भाजपा से संभलकर रहने की जरूरत

...हिल गई थी दिल्ली

संतोष भारतीय ने पूरे मामले को शब्दों में पिरोकर मारक बना दिया। कैमरे ने गांव की बदहाली को कैद कर लिया और विनोद दुआ के संपादन में MJ अकबर ने अपने ही अंदाज में उसे आवाम के सामने पेश किया, जैसे ही ये खबर सामने आई, बवाल मच गया। राजस्थान की इस खबर ने दिल्ली तक को हिला दिया था तब राजीव गांधी हरकत में आए और राजस्थान के मुख्यमंत्री हरदेव जोशी से खुद इस्तीफा मांग लिया। इस तरह, एक छह मिनट की स्टोरी राजस्थान की सियासत में एक बड़े बदलाव का कारण बनी। https://www.youtube.com/live/RFsAtRp42GE?si=PA8CtR1GtK0t3pGo


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