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Varanasi Travel Tips: जन्नत का एहसास कराएंगी वाराणसी की ये 5 जगहें!

Varanasi Travel Tips: वाराणसी गंगा नदी के किनारे बसा एक खूबसूरत शहर है। इसको स्वर्ग की नगरी भी कहा जाता है, यहां कण-कण में महादेव का वास है। वाराणसी का काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। वाराणसी अपने घाटों, विशाल मंदिरों और अन्य लोकप्रिय स्थानों से हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता […]

Varanasi Travel Tips
Varanasi Travel Tips: वाराणसी गंगा नदी के किनारे बसा एक खूबसूरत शहर है। इसको स्वर्ग की नगरी भी कहा जाता है, यहां कण-कण में महादेव का वास है। वाराणसी का काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। वाराणसी अपने घाटों, विशाल मंदिरों और अन्य लोकप्रिय स्थानों से हर साल लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह जगह सिर्फ भारतीयों को ही नहीं बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी बेहद पसंद आती है। अगर आप वाराणसी जाने का प्लान बना रहे हैं तो इन 5 जगहों पर जाना न भूलें।

सुबह-ए-बनारस

वाराणसी की सुबह का नजारा बहुत ही अद्भुत होता है। सुबह जल्दी उठकर किसी घाट पर बैठ जाइए और खुली आंखों से सूर्योदय देखें। इसे देखने के बाद मन को बहुत शांति मिलती है। गंगा नदी, घाट नारंगी-पीला सूरज का इतना सुंदर नजारा यहां के अलावा कहीं देखने को मिल ही नहीं सकता है। इसकी सुंदरता की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है।

काशी विश्वनाथ मंदिर

यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है जिसका उल्लेख महाभारत और उपनिषदों में भी किया गया है। इस मंदिर की मान्यता इतनी अधिक है कि भगवान शिव में आस्था रखने वाले लोग जीवन में एक बार यहां दर्शन के लिए जरूर आते हैं। आप जब भी वाराणसी जाएं तो काशी विश्वनाथ के दर्शन करना न भूलें।

गंगा आरती

वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती पूरी दुनिया में मशहूर है। इस आरती को देखने के लिए देश-विदेश से लोग आते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर भगवान ब्रह्मा ने दशा अश्वमेध यज्ञ किया था। गंगा आरती देखना एक ऐसा अनुभव है जिसे शब्दों में नहीं किया जा सकता। अगर आप वाराणसी आ रहे हैं तो एक बार इस घाट का नजारा जरूर देखें।

संकट मोचन हनुमान मंदिर

संकट मोचन हनुमान मंदिर अस्सी नदी के तट पर स्थित है। इसका निर्माण 1900 के दशक में स्वतंत्रता सेनानी पंडित मदन मोहन मालवीय ने करवाया था। यह मंदिर भगवान राम और हनुमान जी को समर्पित है। वाराणसी आने वाला हर व्यक्ति एक बार इस मंदिर के दर्शन जरूर करता है। इस मंदिर में चढ़ाए जाने वाले लड्डू स्थानीय लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध हैं।

सारनाथ

वाराणसी से सारनाथ की दूरी लगभग 10 किलोमीटर है। बोधगया में ज्ञान प्राप्त करने के बाद भगवान बुद्ध ने अपना पहला उपदेश यहीं दिया था। यहां अक्सर बौद्ध धर्म के अनुयायी आते रहते हैं। मंदिर, स्तूप, संग्रहालय और भारत का राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ भी यहां पाए जाते हैं। सारनाथ के दर्शन से आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है।


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