Ramadan 2025: रमजान का महीना सिर्फ इबादत करने और दोस्तों और परिवार के साथ जश्न मनाने का ही नहीं बल्कि सुबह से शाम तक रोजा रखने का भी पाक महीना माना है। कुछ भी न खाने के अलावा, रमजान के दौरान रोजा में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच पानी भी नहीं पीना होता है। एक्सपर्ट के अनुसार रोजा आपके पूरे हेल्थ और तंदुरुस्ती को बेहतर बनाने के लिए सबसे अच्छे तरीकों में से एक है। हालांकि, बहुत से लोग हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या अन्य बीमारियों के कारण रोजा नहीं कर पाते हैं। वहीं, माइग्रेन को लेकर हॉल क्लिनिक के क्लिनिक के न्यूरोलॉजिस्ट और न्यूरोइंटरवेंशनिस्ट डॉ. लोमेश भिरुद ने बताया कि सही तैयारी करके रोजे के दौरान माइग्रेन की संभावनाओं को कम किया जा सकता है। आइए जानते हैं की रोजे के दौरान किन-किन बातों का ध्यान रखें?
डिहाइड्रेशन
पानी कम पीने से सिरदर्द हो सकता है, क्योंकि इससे ब्लड फ्लो और इलेक्ट्रोलाइट में में बदलाव होता है।
जो लोग अक्सर चाय या कॉफी का सेवन करते हैं, उन्हें रोजे के दौरान सिरदर्द फील हो सकता है।
नींद में बदलाव
नींद के पैटर्न में बदलाव से शरीर की नेचुरल सर्कैडियन लय बाधित हो सकती है, जिससे माइग्रेन की समस्या बढ़ सकती है।
रोजे में माइग्रेन से कैसे बचें
बहुत सारा पानी पिएं- इससे बचने के लिए भीरुद ने कहा, रमजान में रोजा रखने से पहले इफ्तार या सेहरी में बहुत सारा पानी पिएं। इसके अलावा चाय या काफी, ग्रीन टी या हर्बल चाय को डाइट में जरूर शामिल करें। साथ ही दही, खीरा और तरबूज को डाइट में जरूर शामिल करें।
बैलेंस डाइट- सुबह के समय सेहरी में बैलेंस डाइट को जरूर शामिल करें। इससे आपका ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है। डॉ. भीरुद साबुत अनाज और कार्बोहाइड्रेट खाने की सलाह देते हैं।
अच्छी नींद लें- माइग्रेन का एक मुख्य कारण नींद का खराब होना भी हो सकता है। इसके लिए रोज 7 से 8 घंटे की नींद लें। नींद की कमी को पूरा करने के लिए अगर आप इफ्तार से पहले एक छोटी सी झपकी ले सकते हैं। ये आपकी नींद की क्वालिटी को प्रभावित कर सकता है, इसलिए सोने से ठीक पहले स्क्रीन का इलिए करने से बचें।
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