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Health Tips: क्या स्किन और लीवर भी संभाल सकती हैं हमारी यादें? जानें कैसे

Health Tips: क्या आप जानते हैं कि मस्तिष्क की कोशिकाओं के अलावा भी हमारे शरीर के कई अंग हमारी यादों को संभाल कर रख सकते हैं? अगर नहीं जानते हैं, तो यहां जानें कैसे।  

Health Tips
Health Tips: ये तो सभी जानते हैं कि मस्तिष्क की कोशिकाएं हमारी सभी यादों संभाल कर रखती हैं। लेकिन क्या आपको ये पता है कि शरीर के और हिस्से भी सभी यादों को संभालती हैं। न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के शोध में सामने आया कि मस्तिष्क के बाहर की कोशिकाएं भी यादों संभाल कर रख सकती हैं। इससे यह पता चलता है कि हमारा पूरा शरीर स्मृति प्रक्रिया में कैसे भाग लेता है। ये खोज न केवल स्मृति के बारे में हमारी समझ को बढ़ाती है, बल्कि ये भी सिखाती है कि स्मृति-संबंधी विकारों के इलाज के हमारी सोच को भी बदल सकती है।

मस्तिष्क ही नहीं और भी अंग संभालती है हमारी यादें

हममें से ज्यादातर लोग मेमोरी को ऐसी चीज के रूप में समझते हैं,  जो हमारा मस्तिष्क अपने आप करता है, जैसे कि फाइल सिस्टम जो जरूरत पड़ने पर जानकारी याद रखना, जिसमें मेमोरी में अनुभवों को एन्कोड करना शामिल है। जैसे किसी से मिलना या कोई नई चीज सीखना,  ऐसे पैटर्न में जिन्हें मस्तिष्क बाद में प्राप्त कर सकता है। लेकिन ये फाइलें सिर्फ मस्तिष्क में ही नहीं हो सकती हैं। अब शोध में देखा गया कि हमारे शरीर के अन्य हिस्सों में भी मेमोरी-स्टोरेज क्षमताएं हो सकती हैं, जो यह सुझाव देते हैं कि मेमोरी एक ऐसी प्रक्रिया है, जो हम जितना मानते हैं उससे कई ज्यादा  व्यापक है। ये भी पढ़ें- क्या आप भी पीते हैं गलत तरीके से पानी? जानें सही समय और तरीका

शोध में आया सामने

न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में गए अध्ययन में इस बात पर ध्यान दिया गया कि मस्तिष्क के बाहर की कोशिकाएं भी यादों को संभाल कर रख सकती हैं। इनकी टीम ने दो तरह की कोशिकाओं पर टेस्ट किया स्किन और लिवर। इन कोशिकाओं को रासायनिक संकेतों के पैटर्न के संपर्क में लाया गया। इसके बाद पता चला कि जब हम कुछ नया सीखते हैं तो न्यूरोट्रांसमीटर के पैटर्न का अनुकरण करते हैं, तो कोशिकाएं एक्टिव हो जाती हैं।

क्या मस्तिष्क से परे हो सकती हैं यादें?

सवाल यह भी उठता है कि यदि यादों को अन्य कोशिकाओं में संभाल कर रखा जा सकता है, तो सीखने, स्वास्थ्य और बीमारी के इलाज में प्रभाव पड़ सकता है? यदि अन्य अंगों, जैसे कि अग्न्याशय, में कोशिकाएं पिछले ग्लूकोज लेवल के पैटर्न को याद करने में सक्षम हैं, तो शरीर ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से कंट्रोल करने में सक्षम हो सकता है। जिस तरह से हम कैंसर के दोबारा आने पर उसका इलाज करते हैं, वह इस संभावना से भी प्रभावित हो सकता है कि कैंसर कोशिका कीमोथेरेपी के इलाज को याद रखेगी। ये भी पढ़ें- कौन-सा डेयरी प्रोडक्ट ज्यादा फायदेमंद? जानिए Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।


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