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Haunted Railway Station: भारत के इस स्टेशन पर 42 साल तक नहीं रुकी एक भी ट्रेन, वजह जानकर खड़े हो जाएंगे रोंगटे!

Haunted Railway Station: भूत-प्रेत की कहानियां अक्सर किसी न किसी से सुनने को मिलती रहती हैं। इस बात में कितनी सच्चाई है इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो भूत-प्रेत जैसी कोई चीज नहीं होती। इसके बावजूद भी लाखों लोग भूतों पर विश्वास करते हैं और कुछ लोग […]

Edited By : Mahak Singh | Updated: Sep 22, 2023 22:32
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Haunted railway station

Haunted Railway Station: भूत-प्रेत की कहानियां अक्सर किसी न किसी से सुनने को मिलती रहती हैं। इस बात में कितनी सच्चाई है इसके बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता।अगर वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो भूत-प्रेत जैसी कोई चीज नहीं होती। इसके बावजूद भी लाखों लोग भूतों पर विश्वास करते हैं और कुछ लोग ऐसे भी हैं जो भूतों को देखने का दावा भी करते हैं। ऐसे में आज हम आपको भारत के एक ऐसे रेलवे स्टेशन के बारे में बताएंगे जो भूतिया माना जाता है।

42 साल तक यहां नहीं रुकी एक भी ट्रेन

पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में बेगुनकोदर नाम का एक स्टेशन है, जो करीब 42 साल तक बंद था। इसके बंद होने की वजह एक लड़की से जुड़ी है। इस रेलवे स्टेशन को 1960 में खोला गया था।

जब कर्मचारी ने पहली बार देखा भूत

स्टेशन खुलने के बाद कुछ सालों तक सब कुछ ठीक रहा लेकिन फिर अजीब घटनाएं घटने लगीं। 1967 में यहां के स्टेशन मास्टर ने इस जगह पर सफेद साड़ी में भूत देखने का दावा किया था। उसने यह बात लोगों को बताई लेकिन सभी ने उसकी बात को अनसुना कर दिया। कुछ दिन बाद स्टेशन मास्टर और उसके परिवार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इसके बाद कुछ लोगों ने दावा किया कि इसके पीछे महिला भूत का हाथ है फिर धीरे-धीरे यह बात फैल गई।

ट्रेन के साथ दौड़ती थी महिला भूत!

वहां के कई लोगों का दावा किया कि सूर्यास्त के बाद अगर कोई भी ट्रेन इस रेलवे स्टेशन से गुजरती है तो एक महिला का भूत उस ट्रेन के साथ-साथ दौड़ता है।

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स्टेशन पर एक भी स्टाफ काम करने को तैयार नहीं था

महिला भूत की कहानी इतनी फैल गई कि बेगुनकोदर रेलवे स्टेशन पर सभी कर्मचारियों ने काम करने से इनकार कर दिया। यह मामला रेल मंत्रालय तक पहुंचा और आखिरकार प्रशासन को इस स्टेशन को बंद करने की घोषणा करनी पड़ी।

खिड़कियां नीचे कर देते हैं यात्री

यह सिलसिला 42 वर्षों तक जारी रहा लेकिन उसके बाद 2009 में ग्रामीणों के अनुरोध पर रेल मंत्री ममता बनर्जी ने इस रेलवे स्टेशन को एक बार फिर से खोल दिया। ऐसा कहा जाता है कि जब भी रात के समय कोई ट्रेन इस स्टेशन से गुजरती है तो यात्री अपनी खिड़कियां नीचे कर लेते हैं।

First published on: Sep 22, 2023 10:32 PM

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