Chanakya Niti In Hindi: हम एक ऐसे समाज से आते हैं जहां आज भी घर में एक मुखिया होता है और अधिकतर वो मुखिया पुरुष होता है। मुखिया घर में एक अहम भूमिका निभाता है। वही तय करता है कि क्या सही है और क्या गलत। घर के ज्यादातर निर्णय भी मुखिया ही लेता है। ऐसे में जरूरी है कि घर के मुखिया में कुछ ऐसे गुण हो जो उसे निर्णय लेने में मदद करे। आइए जानते इस बारे में चाणक्य जिन्हें कौटिल्य भी कहा जाता है वह क्या कहते हैं।
चाणक्य अपनी प्रसिद्ध चाणक्य नीति में लिखते हैं कि अगर घर के मुखिया में अच्छे गुण होंगे तो उनके पूरे घर में खुशहाली, शांति और सकारात्मकता बनी रहती है। ऐसे में जानते है घर के मुखिया में क्या-क्या गुण होने चाहिए।
विद्या
चाणक्य नीति के मुताबिक, घर के मुखिया में सबसे पहला गुण विद्या होनी चाहिए। विद्या का मतलब किताबी विद्या से नहीं है बल्कि उस विद्या से जो इंसान अपनी आम जिंदगी में शामिल कर सकें। एक अच्छे मुखिया होने के लिए विद्या होनी जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि विद्या उसे निर्णय लेने और परेशानी हल करने में मदद करती है।
साहस
एक मुखिया में साहस होना जरूरी है। अगर व्यक्ति में साहस नहीं होगा तो वह कठिन परिस्थिती में डर जाएगा और परेशानियों का सामना नहीं कर पाएगा। साहस कठिन से कठिन परिस्थिती में लड़ने की क्षमता देता है और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
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धैर्य
आजकल मनुष्य धैर्य करना नहीं जानता। वह चाहता है कि असे कोई भी चीज आसानी और जल्दी से प्राप्त हो जाए। कई बार चीजें या जीत जल्दी प्राप्त न होने पर मनुष्य चिड़चिड़ा हो जाता है और टेंशन में आ जाता है, इसलिए धैर्य होना बेहद जरूरी है। घर के मुखिया में अगर धैर्य होगा तो वह शांति और आराम कोई भी समस्या का समाधान कर पाएगा।
अनुशासन
चाणक्य नीति के मुताबिक, घर के मुखिया को अनुशासित होना चाहिए। अगर वह अनुशासित नहीं होगा तो घर के बाकी सदस्यों पर भी इसका गलत प्रभाव पड़ेगा। अनुशासन सिखाता है कि कैसे किसी काम को निर्धारित समय पर करना चाहिए इसलिए अनुशासन होना जरूरी है।