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Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: अटल बिहारी वाजपेयी के ये 10 अनमोल वचन बदल देंगे आपके सोचने का तरीका

Atal Bihari Vajpayee Quotes: अटल बिहारी वाजपेयी को अपनी प्रतिभा और नेतृत्व क्षमता के लिए जाना जाता था. वे एक लोकप्रिय नेता थे जिनके अनमोल वचन युवाओं में जोश भर देते हैं.

Atal Bihari Vajpayee Ke Anmol Vachan: हर साल 25 दिसंबर के दिन देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाई जाती है.

Atal Bihari Vajpayee Birth Anniversary: अटल बिहारी वाजपेयी देश के पूर्व प्रधामंत्री थे जिन्हें भारत रत्न से नवाजा गया था. वे सबसे लोकप्रिय नेताओ में से एक रहे जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र की परंपरा को कायम रखा. अटल बिहारी वाजपेयी शब्दों की गरिमा, मर्यादा और मूल्य को समझते थे और इसीलिए वे जो कुछ कहते थे वे बच्चों, बड़ों और युवाओं सभी में जोश भर देता था. हर साल 25 दिसंबर के दिन अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती मनाई जाती है. साल 1924 में जन्मे अटल बिहारी वाजपेयी मध्यप्रदेश के ग्वालियर में पले-बढ़े. साहित्य में रुचि और कविताओं से प्रेम करने वाले वाजपेयी 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन से जुड़े और 1951 में भारजीय जन संघ में शामिल हुए. इसके बाद तो राजनीति के हुए और उसी के होकर रह गए. आज अटल बिहारी वाजपेयी की जंयती पर पढ़िए उनके कहे अनमोल वचन.

अटल बिहारी वाजपेयी के अनमोल वचन (Atal Bihari Vajpayee Ke Anmol Vachan)

  1. निरक्षरता और निर्धनता का बड़ा गहरा संबंध है.

2. शिक्षा का माध्यम मातृभाषा होनी चाहिए. ऊंची से ऊंची शिक्षा मातृभाषा के माध्यम से दी जानी चाहिए.

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3. जीवन को टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता, उसका ‘पूर्णता’ में ही विचार किया जाना चाहिए.

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4. सेवा-कार्यों की उम्मीद सरकार से नहीं की जा सकती. उसके लिए समाज-सेवी संस्थाओं को ही आगे आना पड़ेगा.

5. जो राजनीति में रुचि लेता है, वह साहित्य के लिए समय नहीं निकाल पाता और साहित्यकार राजनीति के लिए समय नहीं दे पाता, लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं, जो दोनों के लिए समय देते हैं. वे अभिनंदनीय हैं.

6. अमावस के अभेद्य अंधकार का अंतःकरण पूर्णिमा की उज्ज्वलता का स्मरण कर थर्रा उठता है.

7. शिक्षा के द्वारा व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है, व्यक्तित्व के उत्तम विकास के लिए शिक्षा का स्वरूप आदर्शों से युक्त होना चाहिए. हमारी माटी में आदर्शों की कमी नहीं है. शिक्षा द्वारा ही हम नवयुवकों में राष्ट्र प्रेम की भावना जाग्रत कर सकते हैं.

8. राष्ट्र कुछ संप्रदायों तथा जनसमूहों का समुच्चय मात्र नहीं, अपितु एक जीवमान इकाई है.

9. साहित्य और राजनीति के कोई अलग-अलग खाने नहीं होते.

10. राष्ट्र की सच्ची एकता तब पैदा होगी, जब भारतीय भाषाएं अपना स्थान ग्रहण करेंगी.

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