ओडिशा के मल्कानगिरी में 4 दिसंबर को एक महिला का सिर कटा शव मिला था जिसके बाद पूरे इलाके में सनसनी फैल गई थी. इस घटना के बाद रविवार को मलकानगिरी जिले के मारीवाड़ा पंचायत के अंतर्गत एमवी-26 और राखेलगुडा गांवों के घरों में आग लगा दी गई. बता दें कि 50 से ज्यादा घरों में आग लगाई गई. इतना ही नहीं दुकानों में लूटपाट भी की गई और वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया. इस घटना के बाद यहां रहने वाले लोग गांव छोड़कर चले गए. जानकारी के अनुसार, यहां बांग्लादेश से आल लोग रहते थे.
मृतक की पहचान राखेलगुडा गांव की विधवा लेक पदियामी के रूप में हुई. जिनकी उम्र 51 साल बताई गई. पुलिस ने महिला के शव को एक स्थानीय नदी के किनारे से बरामद किया था. इस घटना के बाद आदिवासी समुदायों में गुस्सा फूट पड़ा.
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मिली जानकारी के अनुसार, गांव के लोगों और आदिवासी संगठनों ने पुलिस से आऱोपियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की. ग्रामीणों ने महिला का लापता सिर भी ढूंढने की मांग की. इसके बाद शनिवार को पुलिस को चेतावनी देने के लिए राखेलगुडा में सौ से ज़्यादा ग्रामीण एक बैठक के लिए इकट्ठा हुए.रविवार को यह अशांति तब और बढ़ गई जब सैकड़ों आदिवासी पुरुष और महिलाएं हथियार लेकर एमवी-26 गांव में इकट्ठा हो गए.
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घटनास्थल पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों को रोकने की कोशिश की लेकिन भीड़ नहीं मानी. शाम 4 बजे तक हिंसा भड़क गई. सैकड़ों लोग जबरन घरों में घुसे और वहां आग लगा दी, लूटपाट की और गाड़ियां भी तोड़ दीं.
बरामद हुआ महिला का कटा सिर
बुधवार को ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने नदी किनारे एक संदिग्ध वस्तु देखी है. जांच टीम मौके पर पहुंची तो पता चला कि वह महिला का कटा हुआ सिर है. इसके बाद पुलिस ने सिर को कब्जे में लेकर आगे की जांच शुरू कर दी.
ओडिशा के डीजीपी योगेश बहादुर खुरानिया ने मामले में जानकारी देते हुए बताया कि अभी इलाके में तनाव का माहौल नहीं है. पुलिस बल अभी भी तैनात है और नदी किनारे मिले महिला के कटे हुए सिर की फॉरेंसिक टीम अपने तरीके से जांच करेगी.
फिलहाल सिर को सुरक्षित रखकर आगे की जांच शुरू कर दी गई है. अधिकारियों द्वारा सभी साक्ष्यों का अध्ययन करके हत्या की पूरी कहानी को जोड़ने की कोशिश की जा रही है. मामले से जुड़े कई और पहलुओं की जांच अभी जारी है.