मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बनी सरकार ने राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को नई पहचान देने की दिशा में कई सुधार किए हैं. जिसमें सड़क, एक्सप्रेसवे, उद्योग, लॉजिस्टिक, ग्रामीण कनेक्टिविटी और शहरी विकास इन सभी क्षेत्रों में हुए परिवर्तन आज यूपी को देश के सबसे तेजी से विकसित होते राज्यों में शामिल करते हैं. अब उत्तर प्रदेश को “एक्सप्रेसवे स्टेट” कहा जाता है. 340 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और 296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे इसके मुख्य उदाहरण हैं. इन सड़कों से राज्य के पूर्वी, मध्य और पश्चिमी हिस्से पूरे देश से अच्छे से जुड़े हैं.
सिर्फ सड़क ही नहीं, उद्योग और लॉजिस्टिक क्षेत्र में भी विकास हुआ है. जिसमें सरकार ने 26 जिलों में कुल 27 औद्योगिक और लॉजिस्टिक क्लस्टर (IMLCs) बनाए हैं. इन जगहों पर जमीन, सड़क और अन्य सुविधाएं निवेशकों को दी जा रही हैं. इससे रोजगार के अवसर बढ़े हैं और आर्थिक गतिविधियां तेज हुई हैं इसके अलावा, एक्सप्रेसवे के किनारे “ई-वे हब” बनाने की योजना है. इससे ट्रैफिक और आवाजाही दोनों आसान होंगी. ये विकास सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं हैं बल्कि गांव‑गांव की सड़क और कनेक्टिविटी सुधारी गई है. पहले जहां लोगों को अपने गांव से शहर तक पहुंचने में कठिनाई होती थी, अब वहां सड़क, परिवहन और बाजार जैसी सुविधाएं पहुंच गई हैं. इससे ग्रामीण और अर्ध‑शहरी इलाकों की जिंदगी आसान हुई है. योगी सरकार के किए गए इन सुधारों पर फायदे साफ दिखाई दे रहे हैं. अब लोगों को यात्रा में कम समय लगता है, सामान और जरूरी चीजों की पहुंच आसान हुई है, नए रोजगार के अवसर बने हैं और निवेश भी बढ़ा है. इससे राज्य की आर्थिक गति तेज हुई है. कुल मिलाकर, पिछले 10 साल में उत्तर प्रदेश ने अवसंरचना के क्षेत्र में बहुत बड़ा बदलाव किया है. ये बदलाव राज्य की तस्वीर बदल रहे हैं और आने वाले समय में और विकास की नींव रख रहे हैं.
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2017 से अब तक योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में किए गए प्रमुख अवसंरचना विकास-
- यूपी को “एक्सप्रेसवे वाला राज्य” बनाने की दिशा में बड़ा काम हुआ. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण पूरा हुआ. कहा जाता है कि 340 किलोमीटर लंबा पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और 296 किलोमीटर लंबा बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे है.
- राष्ट्रीय व राज्य मार्गों का चौड़ीकरण किया गया. राज्य में हजारों किलोमीटर सड़कें 2-लेन से 4-लेन और कई जगह 6-लेन में बदली गईं. दूरदराज के जनपदों को मुख्य शहरों से जोड़ने के लिए नई सड़कें बनीं. ग्रामीण सड़कें जो विकास का आधार होती हैं उन पर भी निरंतर सुधार हुआ.
- उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए राज्य ने विभिन्न जिलों में लॉजिस्टिक पार्क, वेयरहाउसिंग हब, और औद्योगिक क्लस्टर स्थापित किए. निवेशकों को भूमि, सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होने लगीं. इन क्लस्टरों के कारण कई बड़े और मध्यम उद्योगों ने यूपी में निवेश प्रस्ताव दिए.
- राज्य में कई सेक्टर-आधारित औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए गए जैसे कि मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, टेक्सटाइल
- फूड प्रोसेसिंग इन क्षेत्रों में उत्पादन क्षमता बढ़ी और MSME सेक्टर को भी नए अवसर मिले.
- राज्य में हाईवे किनारे आधुनिक हब, फूड प्लाजा, मरम्मत केंद्र, सुरक्षा सेवाएं और अन्य यात्री सुविधाएं विकसित करने की योजनाएं शुरू की गईं.
- योगी सरकार के कार्यकाल में सड़क, उद्योग और ग्रामीण विकास की संयुक्त परियोजनाओं ने राज्य के लिए दीर्घकालिक विकास मॉडल तैयार किया है. एक्सप्रेसवे ने राज्य को नई गति दी, ग्रामीण सड़कें सामाजिक समावेशन का आधार बनीं, औद्योगिक क्लस्टर ने रोजगार का नया मार्ग खोला, शहरी ढांचा आधुनिक होता गया
2025 में योगी सरकार ने 7 एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट हैं जिनको मंजूरी दी है, जिनकी कुल लंबाई 866 किलोमीटर है. इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने के बाद पूरे राज्य की एक्सप्रेसवे नेटवर्क और मजबूत होगी और इससे ट्रैफिक कम होगा जिससे लोगों का सफर आसान होगा.
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- चित्रकूट लिंक एक्सप्रेस- वे: 120 किमी लंबा यह एक्सप्रेस-वे बुंदेलखंड के विभिन्न जिलों को आपस में जोड़ने का कार्य करेगा.
- झांसी लिंक एक्सप्रेस-वे: इसकी लंबाई 100 किलोमीटर होगी और इसके माध्यम से बुंदेलखंड के प्रमुख जिलों को एक्सप्रेस-वे से सीधे संपर्क मिलेगा.
- जेवर लिंक एक्सप्रेस-वे: 76 किमी. लंबा यह एक्सप्रेस-वे जेवर एयरपोर्ट को यमुना एक्सप्रेस-वे से जोड़ेगा जिससे लोग सीधे एयरपोर्ट से जुड़ सकेंगे.
- विंध्य एक्सप्रेस-वे: इसकी लंबाई 320 किमी है और इस एक्सप्रेस-वे से उत्तर प्रदेश के पिछड़े ज़िलों को बेहतर यातायात की सुविधा मिलेगी. इसमें मिर्जापुर, बनारस, जौनपुर जैसे ज़िले प्रयागराज से जुड़ेंगे.
- विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस-वे: इसकी लंबाई 100 किमी है और विंध्याचल क्षेत्र को पूर्वांचल से जोड़ने के लिये मिर्जापुर से गाजिपुर के बीच निर्मित होगा.
- लखनऊ लिंक एक्सप्रेस-वे: 50 किमी लंबा यह एक्सप्रेस-वे पूर्वांचल और आगरा एक्सप्रेस-वे को जोड़ेगा.
- आगरा-लखनऊ गंगा एक्सप्रेस-वे लिंक रोड: इस लिंक एक्सप्रेस-वे की लंबाई 90 किमी होगी, जिसे प्रयागराज से मेरठ के बीच गंगा एक्सप्रेस-वे को लखनऊ से जोड़ने के लिये बनाया जाएगा.