कुंभ नगरी प्रयागराज में गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पावन त्रिवेणी के तट पर हर वर्ष माघ मास में लगने वाला देश का सबसे बड़ा वार्षिक धार्मिक मेला माघ मेला अपने प्रारंभिक चरण में पहुंच गया है. संगम तट पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुए गंगा पूजन ने आगामी मेला-आयोजन का शुभारंभ कर दिया है. इस बार माघ मेला 2026 को विशेष रूप से भव्य, सुरक्षित और नवाचारों से परिपूर्ण बनाने की योजना तैयार की गई है, जिसमें 15 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन का अनुमान है.
कुंभ नगरी प्रयागराज में माघ मेला 2026 की तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं. गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी के पवित्र तट पर हर वर्ष आयोजित होने वाला माघ मेला देश का सबसे बड़ा सालाना धार्मिक आयोजन माना जाता है. इस वर्ष मेला गंगा पूजन के साथ शुरू हुआ, जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों, तीर्थ-पुरोहितों और संत समाज ने सम्मिलित होकर मेले के सकुशल संपन्न होने की कामना की. मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल ने बताया कि इस बार माघ मेले की थीम सुगम, सुरक्षित, स्वच्छ और सुलभ रखी गई है, जिसके अनुरूप सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं. मेले के लिए कुल 800 हेक्टेयर में भूमि का आवंटन किया जाएगा, जिसे 7 सेक्टरों में विभाजित करने की योजना है. अनुमानित 15 करोड़ श्रद्धालुओं के आगमन को देखते हुए भीड़ प्रबंधन, पार्किंग व्यवस्था, ट्रैफिक कंट्रोल, सुरक्षा तंत्र और नेटवर्किंग जैसी सुविधाओं को अत्याधुनिक रूप से सुदृढ़ किया जा रहा है.
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सरकार की मंशा है कि इस बार श्रद्धालुओं को कम से कम दूरी तय करनी पड़े और उनके आवागमन में कोई बाधा न आए. इसके लिए मार्गों का विस्तार, प्रकाश व्यवस्था, स्वच्छता अभियान और पीने के पानी सहित सभी आवश्यक सुविधाओं को प्राथमिकता दी जा रही है. अधिकारियों का कहना है कि महाकुंभ 2025 के अनुभवों से सीख लेते हुए माघ मेला 2026 में कई नए और अभिनव प्रयोग किए जा रहे हैं, ताकि यह आयोजन और भी प्रभावी और शांति से सम्पन्न हो सके.
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मंगलवार को संगम तट पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुए गंगा पूजन में मण्डलायुक्त सौम्या अग्रवाल, पुलिस आयुक्त जोगेन्द्र कुमार, जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, मेलाधिकारी ऋषिराज, नगर आयुक्त सीलम साईं तेजा सहित कई अधिकारी व संत शामिल रहे. सभी ने मां गंगा से मेले को निर्विघ्न और सफल बनाने की प्रार्थना की.