Zerodha CEO Nithin Kamath on Indian Cities Air Pollution: भारत के महानगर और सबसे महंगे शहरों में पिछले कुछ सालों से लगातार वायु प्रदूषण बढ़ा है। इस मामले में देश की राजधानी दिल्ली पहले स्थान पर है। वहीं, मुंबई और बेंगलुरु में भी वायु प्रदूषण का यही हाल है। भारत के शहरों में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण के स्तर को लेकर जीरोधा (Zerodha) के CEO नितिन कामथ ने चिंता जाहिर की है। इसके साथ ही नितिन कामथ ने इन शहरों में तेजी से बढ़ रहे प्रॉपर्टी प्राइस पर भी बात की और कहा कि इन शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें देश के बाकी शहरों के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं, लेकिन इनका एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत खराब है।
'यह डरावना है...'
नितिन कामथ ने अपने X पर इसको लेकर एक लंबा पोस्ट शेयर किया। इस पोस्ट में उन्होंने भारत के महंगे शहरों मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु में लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण और प्रॉपर्टी की कीमतों पर अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने नाइट फ्रैंक की Q4 2024 ग्लोबल लक्जरी बाजार रैंकिंग का हवाला देते हुए कहा कि इन तीनों शहरों में रेडिनेशनल और लक्जरी घरों के एवरेज एनुअल प्राइस में 4-6 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इसके अलावा, इंश्योरेंस कंपनियां भी दिल्ली में प्रीमियम हेल्थ इंश्योरेंस के पैकेज के प्राइस को 10 से 15 प्रतिशत बढ़ाने पर विचार कर रही हैं। अब इन शहरों की बाकी सुविधाओं के बारे में सोचें जिनके चलते वायु प्रदूषण और प्रॉपर्टी कीमतों को महंगाई से जोड़ा जाता है, यह डरावना है।
नहीं दिया जाता इन शहरों के AQI पर ध्यान
अपनी पोस्ट में Zerodha के CEO नितिन कामथ ने नाइट और फ्रैंक की Q4 2024 ग्लोबल लग्जरी मार्केट रैंकिंग का हवाला देते हुए लिखा कि दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु उन टॉप 15 शहरों में शामिल हैं, जहां घर की कीमतों में तेजी से बढ़ती हैं। लेकिन, इस दौरान इन शहरों के AQI पर खास ध्यान नहीं दिया जाता। भारत के इन महंगे शहरों की वायु की गुणवत्ता हमेशा ज्यादा खराब रहती है।
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'विकास के साथ बढ़ता है प्रदूषण'
इसके साथ ही कामथ ने पोस्ट में OurWorldInData की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए लिखा कि किसी देश के विकास के दौरान प्रदूषण के स्तर में यू-शेप की ट्रेंड को उजागर करती है। उन्होंने बताया कि आम तौर पर देश के औद्योगिकीकरण के साथ प्रदूषण भी बढ़ता है, लेकिन जैसे-जैसे देश आर्थिक रूप से मजबूत होता है, इसमें कमी आती है। यह पैटर्न अमेरिका, ब्रिटेन और चीन जैसे देशों में देखा जा चुका है।