Smriti On Mohabbat Ki Dukan: केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी के 'मोहब्बत की दुकान' वाले स्लोगन पर तंज कसा है। स्मृति ईरानी ने पूछा कि क्या राहुल गांधी के मोहब्बत (प्यार) का मतलब हिंदू जीवन शैली की निंदा करना, सिखों की हत्या करना और भारत के लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए बाहरी हस्तक्षेप की मांग करना है?
ईरानी ने कांग्रेस के पूर्व सांसद पर तीखा हमला बोलते हुए पूछा कि ये कैसा इश्क है जो देश से नहीं अपनी पॉलिटिकल सियासत से है? स्मृति ईरानी ने कहा कि जब आप 'मोहब्बत' के बारे में बात करते हैं, तो क्या इसमें राजस्थान में महिलाओं का अपहरण शामिल है? जब आप 'मोहब्बत' के बारे में बात करते हैं, तो क्या इसमें हिंदू जीवन शैली की निंदा करना शामिल है?
ईरानी ने कहा कि गांधी खानदान खुद को अल्पसंख्यकों का रक्षक कहते हैं, लेकिन कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के तहत योग्यता-सह-साधन छात्रवृत्ति पर खर्च 860 करोड़ रुपये था, जबकि मोदी सरकार के तहत यह 2,691 करोड़ रुपये था।
10 दिवसीय अमेरिका दौरे पर हैं राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी वर्तमान में 10 दिवसीय अमेरिकी दौरे पर हैं। यात्रा के दौरान राहुल गांधी की ओर से केंद्र सरकार और आरएसएस को लेकर की गई टिप्पणियों के लिए वे भाजपा के निशाने पर हैं। भाजपा नेताओं ने राहुल गांधी पर प्यार के नाम पर विदेशी धरती से देश के खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया है। भाजपा नेताओं ने ये आरोप लगाते हुए कई घटनाओं का जिक्र कर कहा कहै कि नेहरू-गांधी परिवार का नफरत फैलाने का इतिहास रहा है।
बता दें कि अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया के सांता क्लारा में इंडियन ओवरसीज कांग्रेस यूएसए की ओर से आयोजित 'मोहब्बत की दुकान' कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा और आरएसएस भारत में राजनीति के सभी उपकरणों को नियंत्रित कर रहे हैं।
राहुल गांधी ने कहा, "बीजेपी लोगों को डरा रही है और सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। भारत जोड़ो यात्रा इसलिए शुरू हुई क्योंकि लोगों से जुड़ने के लिए हमें जिन सभी उपकरणों की जरूरत थी, वे सभी बीजेपी-आरएसएस द्वारा नियंत्रित थे।
मोहब्बत की दुकान या फिर नफरत का मेगा मॉल?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को लिखे एक खुले पत्र में बीजेपी के तीन सांसदों ने कई घटनाओं का हवाला देते हुए दावा किया कि नेहरू-गांधी परिवार का नफरत फैलाने का इतिहास रहा है और आश्चर्य जताया कि वे मोहब्बत की दुकान चला रहे हैं या फिर नफरत का मेगा मॉल?
लोकसभा सांसद पूनम महाजन (मुंबई से), प्रवेश साहिब सिंह (दिल्ली) और राज्यवर्धन सिंह राठौर (राजस्थान) ने गांधी को लिखे अपने नौ पन्नों के पत्र में ये बातें कही है। पत्र में कहा गया है, "अगर कांग्रेस वास्तव में इस सकारात्मक सोच का पालन करती है, तो कितना अच्छा होगा? लेकिन हमें खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि आपकी कथनी और करनी में बहुत अंतर है।