Khalistani terrorist Arshdeep Dalla: एनआईए (NIA) से लेकर दिल्ली पुलिस और पंजाब पुलिस तक की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डाला से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने दिल्ली के मयूर विहार से रविवार रात को अर्शदीप डाला के 2 शूटरों को गिरफ्तार किया है। ये शूटर दिल्ली में बड़ी आतंकवादी गतिविधि को अंजाम देने की फिराक में थे। जानिए खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डाला के बारे में…
कौन है अर्शदीप डाला ?
अर्शदीप डाला यूएपीए एक्ट 1967 के तहत कनाडा स्थित खालिस्तान टाइगर फोर्स का आतंकवादी है। दिल्ली पुलिस ने इस साल की शुरुआत में जहांगीरपुरी में छापेमारी करते हुए डाला के लश्कर-ए-तैयबा के साथ संबंध और पंजाब में हिंदू नेताओं को निशाना बनाने की उसकी योजना का खुलासा किया था। डाला का जन्म 1996 में लुधियाना में हुआ था। 27 वर्षीय दल्ला पंजाब के मोगा जिले के दल्ला गांव का रहने वाला है। फिलहाल वह कनाडा में रह रहा है। अर्शदीप सिंह गिल के आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर के साथ करीबी संबंध हैं और वह उसकी ओर से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देता है।
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भारत-कनाडा तनाव के दौरान आया सुर्खियों में
हरदीप सिंह निज्जर की मौत को लेकर भारत और कनाडा के बीच बढ़ते तनाव के बीच खालिस्तानी आतंकी अर्शदीप डाला सुर्खियों में आया। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, डाला का पाकिस्तान कनेक्शन पहली बार 2020 के आसपास पंजाब में हुई टार्गेटेड हत्याओं में सामने आया। उसने आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए, पाकिस्तान से आतंकी मॉड्यूल को आरडीएक्स, आईईडी, एके-47 और अन्य हथियार और गोला-बारूद सहित हार्डवेयर की आपूर्ति भी की।
दो दर्जन से अधिक मामलों में आरोपी
डाला, दो दर्जन से अधिक मामलों में आरोपी है। उस पर हत्या से लेकर आपराधिक साजिश, हथियारों की तस्करी और ड्रग्स तक कई तरह के अपराधों के आरोप लगे हैं। यही नहीं, डाला और निज्जर ने मोगा में सनशाइन क्लॉथ स्टोर के मालिक की हत्या के लिए केटीएफ मॉड्यूल की स्थापना की। साल 2022 में डाला और निज्जर ने फिर से एक साथ मिलकर चार सदस्यीय केटीएफ मॉड्यूल बनाया, जिस पर ग्रेनेड हमले करने का आरोप था। माना जाता है कि उसने एक हिंदू पुजारी पर हमले की योजना बनाई थी। डाला ने, पिस्तौल और मैगजीन पहुंचाने के लिए गैंगस्टर बिक्रम बराड़ और गोल्डी बराड़ के साथ एक और केटीएफ मॉड्यूल भी बनाया। नवंबर 2020 में डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी मनोहर लाल की हत्या में डाला का हाथ बताया गया। डाला, जुलाई 2020 में भारत से भाग गया।