आपके अनयूज्ड मोबाइल नंबर का डेटा सेफ है या नहीं? TRAI ने सुप्रीम कोर्ट में दिया जवाब
Delhi Air Pollution Hearing In Supreme Court
नई दिल्ली: बहुत से लोगों को डर रहता है कि मोबाइल नंबर यूज नहीं होने पर उनके व्हाट्सऐप डेटा का मिसयूज हो जाएगा। इसको लेकर एक बड़ी खबर आई है। देश की टेलिकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने इस संबंध में सर्वोच्च अदालत में एक अहम जानकारी दी है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु की एक वकील राजेश्वरी की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने मोबाइल नंबर उपयोग में नहीं होने के बाद उसके पूर्व उपभोक्ता के व्हाट्सऐप डेटा के दुरुपयोग संबंधी सवाल उठाया था और टेलिकॉम कंपनियों की तरफ से पुराने नंबरों की रीसाइक्लिंग पर रोक लगाने की मांग की थी। आइए जानें कि आपका व्हाट्सऐप डेटा सेफ है या नहीं? इसको लेकर टेलिकॉम रेगुलेटरी ने सुप्रीम कोर्ट में क्या जवाब दिया है?
तमिलनाडु की एडवोकेट राजेश्वरी ने की थी पुराने नंबरों की रिसाइक्लिंग रोकने की मांग
दरअसल कुछ दिन पहले तमिलनाडु की राजेश्वरी नामक एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में उपयोग नहीं करने के कारण एक विशेष नंबर के डिएक्टिवेट हो जाने और उसके व्हाट्सएप डेटा के दुरुपयोग जैसा सवाल उठाया था। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की याचिका के माध्यम से टेलिकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) से नए टेलिकॉम यूजर्स के लिए पहले दूसरे लोगों के द्वारा इस्तेमाल किए जा चुके और फर डिएक्टिवेट हो चुके मोबाइल नंबर की रीसाइक्लिंग रोकने संबंधी निर्देश की मांग की थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने TRAI से जवाब तलब किया।
एडवोकेट संदीप कपूर के माध्यम से TRAI की तरफ से एक हलफनामा अदालत में दिया गया है। इसमें बताया गया है किसी ग्राहक के अनुरोध पर या उपयोग न करने पर कोई मोबाइल नंबर 90 दिनों के बाद ही निष्क्रिय हो जाता है।इसी के साथ व्हाट्सऐप पुराने डेटा को हटा देता है। अगर किसी मोबाइल नंबर का 45 दिनों तक निष्क्रिय रहता है तो इसके बाद किसी अन्य डिवाइस पर सक्रिय होता है। इन बिंदुओं पर गौर करने के बाद, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने वकील राजेश्वरी की रिट पर विचार करने से इनकार कर दिया।
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90 दिन तक नए यूजर को नहीं दिया जाता पुराना नंबर
पीठ ने कहा, 'ट्राई द्वारा दायर जवाबी हलफनामे से यह स्पष्ट है कि एक बार उपयोग न करने के कारण निष्क्रिय कर दिया गया या ग्राहक के अनुरोध पर काट दिया गया सेल्युलर मोबाइल टेलीफोन नंबर कम से कम 90 दिनों की अवधि के लिए नए ग्राहक को आवंटित नहीं किया जाता है। दूरसंचार नियामक ने कहा कि यह पहले के ग्राहकों पर निर्भर है कि वे गोपनीयता बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाएं। इसमें कहा गया है, "ग्राहक पिछले फोन नंबर से जुड़े व्हाट्सएप अकाउंट को हटाकर और स्थानीय डिवाइस मेमोरी/क्लाउड/ड्राइव पर संग्रहीत व्हाट्सएप डेटा को मिटाकर व्हाट्सएप डेटा के दुरुपयोग को रोक सकते हैं। इसके अलावा व्हाट्सएप सहायता केंद्र पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार री-साइकल किए गए फोन नंबरों के मामले में भ्रम को खत्म करने के लिए वे खाते की निष्क्रियता की निगरानी करते हैं। जब कोई खाता 45 दिनों तक निष्क्रिय रहता है और फिर अलग मोबाइल डिवाइस से खाता सक्रिय हो जाता है तो पुराने खाते का डेटा हटा दिया जाता है'।
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TRAI ने बताया-क्या है नियम
ट्राई ने यह भी कहा कि भारत में अधिकांश सार्वजनिक और निजी प्रणालियां ग्राहकों की पहचान करने के साधन के रूप में मोबाइल नंबरों का उपयोग करती हैं और अपने संबंधित मोबाइल नंबरों पर भेजे गए वन-टाइम पासवर्ड के माध्यम से विभिन्न सेवाओं को प्रमाणित और अधिकृत करने के लिए भी उपयोग करती हैं। दूरसंचार विभाग के निर्देशों के अनुसार, एक मोबाइल नंबर, जब सरेंडर किया जाता है या स्थायी रूप से डिस्कनेक्ट हो जाता है, तो उपयोग न करने के 90 दिन पूरे होने के बाद नए ग्राहक को फिर से आवंटित किया जा सकता है। निष्क्रिय मोबाइल नंबर का पुनः आवंटन दूरसंचार विभाग द्वारा 13 अप्रैल और 20 अप्रैल 2017 को जारी निर्देशों के अनुसार दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा की जाने वाली एक गतिविधि है।
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हालांकि कई सेवा वितरण प्लेटफ़ॉर्म/सिस्टम पहले के ग्राहकों द्वारा अपडेट नहीं किए गए हैं, जो या तो नियमित रूप से सेवा का उपयोग नहीं कर रहे हैं और परिणामस्वरूप उन्हें अपने मोबाइल नंबर को अपडेट करने का कोई कारण नहीं मिल रहा है या संभावित खतरे के बारे में जागरूकता की कमी के कारण। इसमें बताया गया है कि मोबाइल नंबर के दोबारा उपयोग के कारण मोबाइल नंबर के दोबारा आवंटन पर पहचान/प्रोफाइल अधिग्रहण की संभावना पैदा होती है, इसलिए मासिक आधार पर प्रकाशित एमएनआरएल (मोबाइल नंबर निरस्तीकरण सूची), पारदर्शिता और दक्षता बनाए रखने और इच्छुक पार्टियों को अपने डेटाबेस को साफ करने में सक्षम बनाने के लिए हितधारकों को उपलब्ध कराई जाती है, जिससे उनके ग्राहक के अलावा किसी अन्य को ओटीपी नहीं भेजना पड़ता है।
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