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जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा मिला तो क्या-क्या बदलेगा? कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने की है मांग

Jammu Kashmir State Status Demand: कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई है। मांग करते हुए प्रधानमंत्री मोदी को लेटर भी लिखा है। ऐसे में अगर जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश से राज्य बन जाता है तो वहां क्या-क्या बदल जाएगा? आइए जानते हैं...

कांग्रेस ने जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए खत लिखा है।
Rahul Gandhi Letter to PM Modi: लोकसभा में विपक्ष के नेता, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की है। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेटर लिखा है। लेटर में कहा गया है कि PM मोदी संसद के मानसून सत्र में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए विधेयक लाएं। ऐसे में अगर प्रधानमंत्री मोदी ने मांग मान ली तो और जम्मू कश्मीर को राज्य का दर्जा मिल गया तो वहां क्या-क्या बदल जाएगा? आइए जानते हैं...  

राज्य बनने पर क्या और कैसे बदलाव आएंगे?

बता दें कि जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने पर कई अहम बदलाव देखने को मिल सकते हैं। वर्तमान में जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश है, लेकिन अगर जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाता है तो और ज्यादा स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक शक्तियां और विकास के अवसर मिल जाएंगे। वहीं पूर्ण राज्य का दर्जा देने की प्रक्रिया सुरक्षा, संवैधानिक और राजनीतिक कारकों पर निर्भर करेगी। वैसे जम्मू कश्मीर के पूर्ण राज्य बनने पर निम्नलिखित बदलाव देखने को मिल सकते हैं... यह भी पढ़ें:Video: संविधान बड़ा या संसद? सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस बीआर गवई ने कही ये बात

प्रशासनिक स्वतंत्रता मिलेगी

पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने पर जम्मू कश्मीर को प्रशासनिक स्वतंत्रता मिल जाएगी। अपनी विधानसभा और कैबिनेट के साथ मिलकर मुख्यमंत्री को फैसले लेने का अधिकार मिल जाएगा। वर्तमान में केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते जम्मू कश्मीर को लेकर कई अहम फैसले केंद्र सरकार द्वारा लिए जाते हैं, जैसे पुलिस, कानून-व्यवस्था आदि।

विधायी शक्तियां भी मिलेंगी

पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने पर जम्मू कश्मीर को विधायी शक्तियां मिल जाएंगी। जम्मू कश्मीर की विधानसभा को कानून बनाने का अधिकार पूरी तरह से मिल जाएगा। स्थानीय मुद्दों पर नीतियां बनाने की पूर्ण स्वतंत्रता मिल जाएगी, जिससे सरकार प्रदेश की जनता की जरूरतों को बेहतरीन तरीके से पूरी करने में सक्षम होगी। यह भी पढ़ें:कौन हैं मेहराज मलिक? जिन्होंने छोड़ दिया अब्दुल्ला सरकार का साथ, AAP पार्टी से थे इकलौते विधायक

लोकतांत्रिक भागीदारी बढ़ेगी

जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया और मजबूत होगी। साल 2024 में हुए विधानसभा चुनाव के बाद उमर अब्दुल्ला कैबिनेट ने पूर्ण राज्य के दर्जे को लेकर प्रस्ताव पारित किया था। प्रदेश के लोग भी इस दर्जे की मांग केंद्र सरकार से कर रहे हैं। इससे वहां जीवन सुधार संभव होगा।

आर्थिक प्रभाव भी पड़ेंगे

पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने से जम्मू कश्मीर को केंद्रीय योजनाओं का फायदा मिलेगा। सरकार से आर्थिक मदद के तौर पर मिलने वाला पैसा मिलेगा। प्रदेश सरकार विकास परियोजनाओं को प्राथमिकता देने और लागू करने में सक्षम होगी। इससे प्रदेश के बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा। यह भी पढ़ें:Jammu & Kashmir News: ‘ये बहुत बड़ा आशीर्वाद है…’ वंदे भारत ट्रेन में सफर करने के बाद क्या बोले फारूक अब्दुल्ला

कानून-व्यवस्था बदलेगी

वर्तमान में केंद्र शासित प्रदेश होने के नाते जम्मू कश्मीर की सुरक्षा और कानून-व्यवस्था केंद्र सरकार के कंट्रोल में है। पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने के बाद जम्मू कश्मीर की पुलिस और प्रशासन को ज्यादा जिम्मेदारी मिल सकती है। हालांकि बॉर्डर प्रदेश होने के साथ केंद्र सरकार का दखल रहेगा, लेकिन कुछ मामलों में स्थानीय पुलिस की पहल रहेगी।

संवैधानिक बदलाव आएंगे

अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद 2019 में जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल होने पर संवैधानिक बदलाव होगा। पूर्ण राज्य बनने के बाद जम्मू कश्मीर में संविधान के कानून, नियम और प्रावधान लागू होंगे। ऐसा होने के बाद जम्मू कश्मीर में कुछ भी बदलना आसान नहीं होगा।


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