SCO MEET Impact: वाराणसी को सांस्कृतिक और पर्यटन की राजधानी घोषित किए जाने के बाद लोगों को क्या होगा फायदा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (इनसेट में बनारस )
SCO Meet Impact: वाराणसी में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) ने सांस्कृतिक और पर्यटन की राजधानी घोषित किया है। अब संगठन के देशों में भारतीय दूतावासों के जरिए वाराणसी को साल भर प्रमोट करने का मौका मिलेगा। काशी में पर्यटन ही नहीं बल्कि काशी का पारंपरिक कारोबार भी संबंधित देशों के बीच चर्चा में आएगा। ऐसे में यहां के कारोबारियों को संबंधित देशों में अपने उत्पादों को ले जाने का मौका मिलेगा।
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इन देशों से कारोबार मिलेगा
एससीओ विश्व के आठ देशों की सदस्यता रखती है। अब भारत को इन देशों चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, तजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान आदि से आर्थिक तरक्की को बल देने में मदद मिलेगी। बता दें हाल ही में उज्बेकिस्तान में संगठन ने अधिकृत तौर पर इसे स्वीकार्यता दी है। एससीओ शिखर सम्मेलन शुक्रवार को खत्म होने के पूर्व इस आशय का घोषणा पत्र जारी कर वाराणसी को अधिकृत तौर पर वर्ष 2022-23 के लिए सांस्कृतिक और पर्यटन की राजधानी घोषित किया गया।
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सांस्कृतिक और आपसी संबंधों में फायदा
बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उज्बेकिस्तान में इस सम्मेलन में हिस्सा लेने गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी 2022-23 वर्ष के दौरान वाराणसी को एससीओ के पर्यटक और सांस्कृतिक राजधानी के रूप में मान्यता देने के लिए सदस्य देशों को धन्यवाद दिया। पीएम मोदी ने कहा कि एससीओ का यह फैसला भारत और संबंधित क्षेत्र के बीच सांस्कृतिक और आपसी संबंधों के द्वार भी खोलता है। वाराणसी में सारनाथ, गांगाघाट, श्री काशीविश्वनाथ मंदिर समेत अन्य महत्सपूर्ण पर्यटन के स्थल हैं।
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