West Bengal Teacher Recruitment: पश्चिम बंगाल में 36 हजार प्राथमिक शिक्षकों को लेकर शुक्रवार को कलकत्ता हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी है। साथ ही प्राथमिक शिक्षा बोर्ड को रिक्त पदों को जल्द भरने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की खंडपीठ ने बोर्ड को अगले तीन महीनों के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया।
रिपोर्टों के अनुसार आदेश पारित करते हुए न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली ने पाया कि इन 36 हजार शिक्षकों में से किसी ने भी प्राथमिक शिक्षकों के रूप में भर्ती होने के लिए उचित प्रशिक्षण नहीं लिया था और वे अनिवार्य योग्यता परीक्षा में शामिल हुए बिना ही भर्ती हो गए थे।
चार महीने सहायक अध्यापकों का मिलेगा वेतन
न्यायमूर्ति गांगुली ने आदेश दिया कि ये 36 हजार प्राथमिक शिक्षक अगले चार महीनों के लिए अपने संबंधित स्कूलों में जा सकेंगे। उस अवधि के दौरान वे नियमित शिक्षकों के बजाय पारा-शिक्षकों (सहायक अध्यापक) के वेतन के हकदार होंगे।
ममता के भतीजे की याचिका पर सोमवार को सुनवाई
इस बीच, कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा कि वह सौमेन नंदी द्वारा शिक्षक भर्ती मामले में तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी की याचिका पर अगली सुनवाई सोमवार को करेगा, जिसमें एक न्यायाधीश ने केंद्रीय जांच ब्यूरो को टीएमसी द्वारा सार्वजनिक भाषण रखने का निर्देश दिया था। अभिषेक बनर्जी इसकी जांच के दायरे में हैं।
सुप्रीम कोर्ट के एक निर्देश पर कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश द्वारा सौमेन नंदी बनाम पश्चिम बंगाल राज्य के मामले को न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की अदालत से न्यायमूर्ति अमृता सिन्हा की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया था। न्यायमूर्ति सिन्हा ने इस मामले में एक पक्ष के रूप में शामिल किए जाने और न्यायमूर्ति गांगुली द्वारा पारित आदेश को वापस लेने के लिए बनर्जी के आवेदनों को स्वीकार करते हुए कहा कि इस मामले की सुनवाई सोमवार को की जाएगी।
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