WB Teacher Recruitment Case: ‘निष्पक्ष था HC का आदेश…’, अभिषेक बनर्जी की याचिका पर SC की अहम टिप्पणी, जुर्माने पर रोक
TMC leader Abhishek Banerjee
WB Teacher Recruitment Case: पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती स्कैम में तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को बड़ा झटका लगा। सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता हाईकोर्ट के 18 मई के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया, जिसमें कहा गया था कि टीएमसी नेता से सीबीआई और ईडी पूछताछ कर सकती है।
जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की एक अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि कलकत्ता हाईकोर्ट का आदेश निष्पक्ष और संतुलित था। हालांकि जुर्माना ज्यादा लगाया गया है। पीठ ने अभिषेक पर लगाए गए 25 लाख के जुर्माने पर रोक लगा दी है। अब इस प्रकरण की सुनवाई जुलाई में होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने बदला था हाईकोर्ट का जज
28 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को अभिषेक बनर्जी की याचिका को एक नई पीठ को सौंपने का आदेश दिया था। कारण, केस की सुनवाई कर रहे जज ने टीवी इंटरव्यू दिया था। जस्टिस अमृता सिन्हा ने बनर्जी के मामले की नए सिरे से सुनवाई की। उन्होंने 18 मई को उनके अनुरोध को खारिज कर दिया था। इसके बाद टीएमसी नेता ने शीर्ष अदालत में आदेश को चुनौती दी थी।
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9 साल पुराना शिक्षक भर्ती घोटाला
9 साल पहले 2014 में पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन ने सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली। उस वक्त पार्थ चटर्जी शिक्षा मंत्री थे। 2016 में भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। इस मामले में कई गड़बड़ी की शिकायतें आईं तो हाईकोर्ट में मामला पहुंचा। सीबीआई ने 30 सितंबर को पहली चार्जशीट दाखिल की। इसमें पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चाटर्जी समेत 16 लोगों के नाम थे। ईडी ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया। पार्थ चटर्जी 23 जुलाई 2022 से जेल में हैं।
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