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Uttarkashi Tunnel Rescue: वर्टिकल ड्रिलिंग का काम हुआ शुरू, प्लाज्मा कटर से काटे जा रहे ऑगर मशीन के ब्लेड

Vertical drilling started in Uttarkashi: उत्तराखण्ड में ऑगर मशीन के ब्लेड फंसने के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन बार-बार रुक रहा है। जिसके लिए अब वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू किया गया है।

Vertical drilling started in Uttarkashi: उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं। अमेरिका से मंगाई गई ऑगर मशीन बार-बार खराब हो रही है। अब 41 मजदूरों के लिए सिल्कयारा सुरंग पर वर्टिकल ड्रिलिंग का काम शुरू हो गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि हम मजदूरों को बचाने के लिए 2-3 अन्य विकल्पों पर काम कर रहे हैं, हमने एक्सपर्ट की टीम बुलाई हुई है साथ ही SJVNL को 1.2 मीटर diameter की ड्रिलिंग करने को कहा है। महमूद अहमद ने बताया कि 305 मीटर की चेनेज के पास से ड्रिलिंग शुरू की है, 15 मीटर ड्रिलिंग की जा चुकी है, अभी 86 मीटर की ड्रिलिंग बाकि है।

ऑगर मशीन के ब्लेड काटे गए

डॉ नीरज खैरवार, सचिव, उत्तराखंड सरकार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ऑगर का ड्रिलिंग वाला पार्ट अंदर फंस गया था, उनका कहना है कि 15 मीटर की ड्रिलिंग पूरी हो चुकी है। ऑगर मशीन के ब्लेड फंसने के कारण उनको काटने का निर्णय लिया गया है। जिसके लिए एक प्लाज्मा कटर और एक लेजर कटर मंगाया गया क्योंकि एक छोटे स्पेस में काटना बहुत मुश्किल होता है, ब्लेड का 13.09 मीटर हिस्सा ही अंदर बचा हुआ है। आज देर रात या कल सुबह तक ये काम पूरा हो जाना चाहिए। कटिंग का काम पूरा होने के बाद मैन्युअल माइनिंग का काम करेंगे। यह भी पढ़ें- भावुक कर देगी टनल में फंसे मजूदर के पिता की बात, बेटे को लेकर ऐसा क्या कहा?

फंसे हुए लोगों से बातचीत जारी

प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि  RVNL के साथ परपेंडिकुलर ड्रिलिंग का भी पॉइंट डिसाइड कर लिया है। महमूद अहमद ने कहा कि 180 मीटर की ड्रिलिंग करनी होगी, कंक्रीट बेडिंग का काम शुरू किया गया है, अभी ऑपरेशन में 15 दिन का समय और लगेगा। ड्रिफ्ट टनल बनाने का काम भी किया जा रहा है। अंदर फंसे लोगों से बीएसएनएल के जरिए एक अल्टेरनेटिव मोड ऑफ कम्युनिकेशन जोड़ा गया है।

मौसम विभाग ने जताया बारिश का अंदेशा

घटना स्थल पर एक्सपर्ट माइनर्स बुलाए गए हैं, जहां आर्मी साइड ड्रिफ्ट बनाने का काम करेगी वहीं जिस एजेंसी की जहां जरूरत है वो वहां सहयोग कर रही है। वर्टिकल ड्रिलिंग का काम 100 घंटे 4 दिन में पूरा हो जाएगा। महमूद ने बताया, इस बीच मौसम विभाग ने बारिश का अंदेशा जताया है, लेकिन एक्सपर्ट्स की राय के मुताबिक हम हर सिचुएशन में काम कर सकते हैं।


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