TrendingInd Vs AusIPL 2025UP Bypoll 2024Maharashtra Assembly Election 2024Jharkhand Assembly Election 2024

---विज्ञापन---

पत्नी की जॉब हो तो पति गुजारा भत्ता देने से मना कर सकता है या नहीं, हाईकोर्ट की विशेष टिप्पणी पढ़ें

Allahabad High Court Judgement: अगर पत्नी नौकरी कर रही है तो भी पति उसे गुजारा भत्ता देने से इनकार कर सकता है या नहीं, एक केस में फैसला सुनाते हुए उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विशेष टिप्पणी की है। जस्टिस विनोद दिवाकर ने गुजारा भत्ता नहीं देने के लिए दायर याचिका को 39 सुनवाइयों […]

Representative Image
Allahabad High Court Judgement: अगर पत्नी नौकरी कर रही है तो भी पति उसे गुजारा भत्ता देने से इनकार कर सकता है या नहीं, एक केस में फैसला सुनाते हुए उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विशेष टिप्पणी की है। जस्टिस विनोद दिवाकर ने गुजारा भत्ता नहीं देने के लिए दायर याचिका को 39 सुनवाइयों के बाद खारिज कर दिया। साथ ही पति को धारा 125 के तहत 20 हजार रुपये प्रति महीना गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया। 22 अगस्त 2017 को याचिका दायर की गई थी। यह भी पढ़ें: जब तक दुल्हन 7 फेरे पूरे न करे, तब तक वह पत्नी होगी या नहीं…पढ़ें हाईकोर्ट की विशेष टिप्पणी

गुजारे के आय पर्याप्त या नहीं, हाईकोर्ट खुद देखेगी

मुजफ्फरनगर की पारुल त्यागी की शादी गौरव त्यागी के साथ हुई थी। याचिका में गौरव की तरफ से कहा गया कि पत्नी IIT पास है। वह अच्छे से अपना गुजारा कर सकती है। वहीं जवाब देते हुए पत्नी ने कहा कि वह बेरोजगार है। मायके में रह रही है, इसलिए पति से गुजारा भत्ता दिलाया जाए। इसी केस में फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि केवल इसी आधार पर गुजारा भत्ता देने से इनकार नहीं किया जा सकता कि पत्नी नौकरी कर रही है। कोर्ट देखेगी कि उसकी आय गुजारे के लिए पर्याप्त है या नहीं? यह भी पढ़ें: ‘ये मुस्लिम लड़कियों का अपमान’, राहुल गांधी के डॉगी का नाम ‘नूरी’ रखे जाने पर भड़के AIMIM नेता

सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का उल्लंघन कर रहीं अदालतें

हाईकोर्ट ने कहा कि तारीखें देकर बुजुर्ग मां-बाप, पत्नी और बच्चों के गुजारे भत्ते से जुड़े केस सालों लटकाए जाते हैं, जबकि ऐसा करना सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के खिलाफ है। ऐसा होने से न्याय व्यवस्था में लोगों का विश्वास भी डगमगा जाता है, जबकि लोगों के अधिकारों की रक्षा करना, उन्हें समय पर न्याय दिलाना अदालतों का काम है। ऐसे में कोर्ट का संचालन करने वालों का फर्ज बनता है कि वे समय रहते न्याय दिलाकर लोगों की सेवा करें। अपने कर्तव्यों का बखूबी पालन करें।


Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 and Download our - News24 Android App. Follow News24 on Facebook, Telegram, Google News.