UPSC provisional answer key release:संघ लोक सेवा आयोग ( यूपीएससी ) ने प्रारंभिक परीक्षा की प्रोविजिनल आंसर की पर सुप्रीम कोर्ट में अपडेट दिया है. आयोग ने एक हलफनामे के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया है कि वह परीक्षा के तुरंत बाद सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा की अंतरिम उत्तर कुंजी जारी करेगा. गौरतलब है कि सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम चरण तक उत्तर कुंजी रोके जाने के विरोध में दायर याचिका के जवाब में यूपीएससी ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा था. याचिका में सिविल सेवा परीक्षा के अंतिम चरण तक उत्तर कुंजी रोके रखने की पूर्व प्रथा को चुनौती दी गई थी.
यूपीएससी में लंबे समय से बदलाव नहीं
हलफनामे में बताया गया है कि यूपीएससी के लंबे समय से चले आ रहे रुख में उल्लेखनीय रूप से बदलाव किया गया है. पिछले वर्षों में, 2023 की प्रारंभिक परीक्षा सहित, इसने कहा था कि अंक, कट-ऑफ स्कोर और उत्तर कुंजी का खुलासा पूरी भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही किया जाएगा.वर्षों से, विभिन्न मंचों पर अधिक पारदर्शिता की मांग उठती रही है. संसदीय समितियों की सिफ़ारिशों और केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के निर्देशों ने यूपीएससी से बार-बार प्रारंभिक परीक्षा के परिणामों के साथ प्रारंभिक परीक्षा की प्रोविजिनल आंसर की प्रकाशित करने का आग्रह किया था. फिर भी, इन सिफ़ारिशों पर ध्यान नहीं दिया गया.
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परीक्षा के तुरंत बाद प्रोविजिनल आंसर की जारी
सिविल सेवा अभ्यर्थी विदुषी पांडे और हिमांशु कुमार द्वारा पिछले दो वर्षों से लगातार कानूनी लड़ाई लड़ने के बाद ही यूपीएससी ने अंततः यह निर्णय स्वीकार किया. उनकी याचिका में उत्तर कुंजी, कट-ऑफ अंक और अभ्यर्थियों के अंकों का समय पर खुलासा करने की मांग की गई थी, तथा तर्क दिया गया था कि पारदर्शिता की कमी से अभ्यर्थियों को नुकसान हो रहा है. इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मामले में सहायता के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता जयदीप गुप्ता को न्यायमित्र नियुक्त किया.
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लाखों उम्मीदवारों को लाभ होने की उम्मीद
न्यायालय ने याचिकाकर्ताओं को गुप्ता को याचिका की एक प्रति उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया. प्रारंभिक परीक्षा के तुरंत बाद प्रोविजिनल आंसर की जारी करने के निर्णय से हर साल इस परीक्षा में बैठने वाले लाखों उम्मीदवारों को लाभ होने की उम्मीद है. इससे उम्मीदवारों को वास्तविक समय में अपने प्रदर्शन को साबित करने का अवसर मिलेगा और आयोग पारदर्शिता के उच्च मानकों के प्रति जवाबदेह होगा.