Tehreek-e-Hurriyat Ban: केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत पर बैन लगा दिया है। देश के गृहमंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। तहरीक-ए-हुर्रियत पर जम्मू-कश्मीर में इस्लामिक शासन लागू करने के लिए साजिश रचने का आरोप है। यह भी आरोप हैं कि यह जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने की फिराक में था। इसपर अलगाववाद को बढ़ावा देने, दुष्प्रचार करने, आतंकी गतिविधियों और कई ऐसे काम करने का आरोप है जिसपर प्रतिबंध लगा हुआ है।
तहरीक-ए-हुर्रियत की स्थापना सैयद अली शाह गिलानी ने साल 2004 में की थी। यह संगठन जम्मू-कश्मीर में 26 संगठनों के समूह हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का सहयोगी है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का गठन 1993 में हुआ था। साल 2005 में हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो टुकड़े हो गए थे। माना जाता है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस में शामिल कई संगठन पाकिस्तान समर्थक और अलगाववादी हैं।
ये भी पढ़ें-बेहतरीन सिंगर थी अमेरिका में मृत पाई गई भारतीय मूल की लड़की, स्कूल ने बताई भावुक करने वाली बातयूएपीए के तहत प्रतिबंध
तहरीक-ए-हुर्रियत पर सरकार ने यह बैन Unlawful Activities prevention act (यूएपीए) के तहत लगाया है। प्रतिबंध के बाद इसके सदस्यों को अपराधी घोषित किया जा सकता है और उनकी संपत्ति भी जब्त की जा सकती है। गृह मंत्रालय के मुताबिक अभी तक खालिस्तानी संगठन, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, लिट्टे और अलकायदा समेत कुल 43 संगठनों को आतंकी संगठन घोषित किया जा चुका है।
क्या कहा अमित शाह ने
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा कि, तहरीक-ए-हुर्रियत, जम्मू-कश्मीर (TeH) को UAPA के तहत एक 'गैरकानूनी संघ' घोषित किया गया है। यह संगठन जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने और इस्लामी शासन स्थापित करने के लिए निषिद्ध गतिविधियों में शामिल है। जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए भारत विरोधी दुष्प्रचार फैलाते हुए और आतंकी गतिविधियां जारी रखते हुए पाया गया है।
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